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हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में हुए अहम फैंसले/ हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में हुए अहम फैंसले / हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा मन्त्रीमण्डल की बैठक आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
वर्तमान नियम 9 के प्रावधानों के अनुसार, आयोग ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान ले सकता है, जहां नामित अधिकारियों/शिकायत निवारण प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन/अपीलों का निस्तारण नहीं किया गया हो और ऐसे आवेदन/अपीलों के निस्तारण में अनुचित विलंब हो। किसी भी त्रुटि या चूक पाए जाने पर आयोग इस संबंध में उचित आदेश पारित कर सकता है ।
संशोधन के पश्चात, आयोग स्वतः संज्ञान ले सकेगा, बशर्ते कि यदि किसी मामले में, अधिसूचित सेवा प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करने से पूर्व, संबंधित विभाग के नामित अधिकारी/प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण/द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष, कोई वाद न्यायालय में लंबित हो या संबंधित विभाग के पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष विचाराधीन हो, तो ऐसे मामलों में, जब तक न्यायालय या संबंधित पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता, अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग आयोग द्वारा उक्त विभाग के नामित अधिकारी/प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण/द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण के विरुद्ध नहीं किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने विकास परियोजनाओं, 2025 के लिए नई भूमि खरीद नीति को दी मंजूरी
*स्वैच्छिक भूमि खरीद नीति, 2025 के तहत भूमि मालिकों को दिए गए अधिकार*
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विकास परियोजनाओं के लिए सरकारी विभागों, उसकी संस्थाओं अर्थात बोर्ड एवं निगमों तथा सरकारी कंपनियों को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि खरीद के लिए नीति, 2025 को मंजूरी दी गई।

नीति का उद्देश्य, भूमि मालिकों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जिससे वे उपयुक्त खरीदारों की अनुपलब्धता के कारण अत्यधिक आवश्यकता के समय अपनी भूमि को कम दामों पर बेचने से बच सकें। इसके अलावा, भूमि मालिक अपनी भूमि की पेशकश करके और उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त करके सरकारी परियोजनाओं के निर्णय लेने में भाग ले सकते हैं। राज्य सरकार ने विकास परियोजनाओं के लिए सरकार को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि की खरीद के लिए नीति अधिसूचित की थी, ताकि भूमि मालिकों द्वारा भूमि की डिस्ट्रेस सेल को रोका जा सके और राज्य में विकास परियोजनाओं के स्थान का चयन करते समय उन्हें निर्णय लेने में शामिल किया जा सके। इसके पश्चात यह महसूस किया गया कि इस नीति को और व्यापक बनाने की आवश्यकता है, जिसमें भूमि के एकत्रीकरण के लिए एग्रीगेटर्स को प्रोत्साहन देने तथा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उनके पंजीकरण से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया जाए। इसके लिए एक समेकित नीति तैयार की गई है, जो वर्ष 2017 की नीति और उसमें समय-समय पर किए गए संशोधनों को प्रतिस्थापित करती है। विकास परियोजनाओं के लिए सरकारी विभाग, उसकी संस्थाओं, यानी बोर्ड और निगमों और सरकारी कंपनियों को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि की खरीद नीति, 2025 में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। इनमें, स्वीकार्य प्रस्ताव (एडमिशिबल ऑफर) की परिभाषा और एग्रीगेटर की परिभाषा में संशोधन किया गया है। भाग ए में प्रावधान किया गया है कि भूमि मालिक अपने हिस्से को आंशिक या पूर्ण रूप से बेच सकता है, जो पहले की नीति में उपलब्ध नहीं था। इसके अलावा, प्रस्तावित भूमि तक 5 करम का पहुंच मार्ग (एप्रोच रोड) सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।
यह सुनिश्चित किया गया है कि भूमि का स्वामित्व स्पष्ट हो और भूमि कभी भी “शामलात देह” या “मुश्तरका मालिकान” आदि की श्रेणी में न आती हो। नाबालिग, मंदबुद्धि अथवा मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु न्यायालय की विधिवत स्वीकृति आवश्यक की गई है। भूमि की दरों की तर्कसंगतता संबंधित उपायुक्त द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।

सुविधा शुल्क एग्रीगेटर को कुल लेनदेन लागत का 1 प्रतिशत तथा दो किस्तों में दिया जाएगा। पहली किश्त 0.5 प्रतिशत रजिस्ट्री पूर्ण होने पर और शेष 0.5 प्रतिशत म्यूटेशन स्वीकृत होने तथा कब्जा सौंपे जाने के बाद दी जाएगी। भूमि एकत्रीकरण की दिशा में प्रयास करने वाले तथा परियोजना की कुल संभावित भूमि का कम से कम 70 प्रतिशत अपलोड करने वाले एग्रीगेटर को प्रोत्साहन भुगतान दिया जाएगा, जो भूमि की दरों के आधार पर 1,000 रुपए प्रति एकड़ से लेकर 3,000 रुपए प्रति एकड़ तक होगा। यदि भूमि कलेक्टर दर पर उपलब्ध करवाई जाती है तो 3 हजार रुपये प्रति एकड़, यदि भूमि कलेक्टर दर से अधिकतम 20 प्रतिशत अधिक दर पर उपलब्ध करवाई जाती है तो 2 हजार रुपये प्रति एकड़, और यदि भूमि इससे भी अधिक दर पर उपलब्ध करवाई जाती है तो 1 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन दिया जाएगा।
भारत सरकार के विभाग एवं उनके निकाय भी अपनी विकास परियोजनाओं के लिए इस नीति के तहत भूमि खरीद की प्रक्रिया अपना सकते हैं।
ग्रुप-डी के लगभग 7500 पदों पर शीघ्र होगी ज्वाईनिंग – मुख्यमंत्री
*सीईटी के लिए जातिप्रमाण पत्र अपलोड न कर सकने वाले उम्मीदवार भी दे सकेंगे परीक्षा*
बीसी-ए व बी तथा अनुसूचित जाति के 3-3 लाख युवाओं ने सरल पोर्टल से डाउनलोड किए जातिप्रमाण पत्र,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ग्रुप- डी के लगभग 7500 पदों पर ज्वाईनिंग करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देने के लिए बुलाई गई पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
सीईटी के बारे पूछे गए एक प्रश्‍न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष सीईटी परीक्षा के लिए लगभग 13 लाख 48 हजार युवाओं ने पंजीकरण करवाया है। पिछले वर्ष यह संख्या लगभग 11 लाख थी। सरल पोर्टल के सर्वर पर अधिक लोड होने के कारण कुछ दिक्कते आई थी, फिर भी 3 लाख से अधिक बीसी-ए व बी तथा लगभग 3 लाख अनुसूचित जाति के युवाओं ने पोर्टल से जातिप्रमाण पत्र डाउनलोड कर सीईटी के लिए पंजीकरण किया है। उन्होंने कहा कि जो युवा जाति प्रमाणपत्र नहीं बनवा पाए वे भी परीक्षा दे सकेंगे। अन्य प्रक्रिया साथ-साथ पूरी कर ली जाएगी। एक प्रश्‍न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों को निर्देश दिए गये हैं कि वे मौजूदा आवश्‍यकताओं के अनुरूप अपने-अपने विभागों के पदों का रेशनलाइजे़शन कर मांगपत्र एचएससीसी को भेंजे। कुछ पद ऐसे हैं जिनकी आज जरूरत नहीं है और कुछ नए पद भी सृजित किए जाने हैं, जिनकी आज के समय में जरूरत है। यह प्रक्रिया निरन्तर जारी है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्‍वविद्यालय, हिसार के विद्यार्थियों की चल रही हडताल के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सब हमारे बच्चे हैं उनकी पढ़ाई का समय है। राजनीतिक दलों के बहकावे में न आए। राजनीतिक दल भी बच्चों को उकसाने से परहेज करें। युवा राजनीति में आएं तो अच्छी बात है परन्तु अब समय उनकी पढ़ाई का है। मैं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ और विद्यार्थी पढ़ाई पूरी कर अपने माता-पिता, क्षेत्र व प्रदेश का नाम रोशन करे।
एक अन्‍य प्रश्‍न के उत्‍तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्‍य उददेश्‍य प्रत्‍येक नागरिक को सुरक्षित माहौल प्रदान करना है । इसके लिए पुलिस तत्परता से कार्य कर रही है और कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। मुख्‍यमंत्री ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली की सराहना की ।

हरियाणा मंत्रिमंडल ने युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति नीति में छूट को मंजूरी प्रदान की

चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मूल के युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की नीति में छूट प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की।

अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए 30 मई, 2014 की मौजूदा नीति और 27 अगस्त, 2014 को इसके बाद के संशोधन के अनुसार, युद्ध में हताहत हुए सैनिक/अर्ध सैनिक का आश्रित मृतक के पद के आधार पर ग्रुप बी, सी या डी पदों में नियुक्ति के लिए पात्र है, बशर्ते कि नीति के शुरू होने के तीन साल के अंदर- अंदर आवेदन किया हो। हालांकि, राज्य सरकार को युद्ध में हताहत हुए लोगों के कई आश्रितों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, जो निर्धारित तीन साल की अवधि के भीतर आवेदन नहीं कर सके, जिससे उनके मामले मौजूदा मानदंडों के अनुसार ‘समय-बाधित’ हो गए। सैनिकों के परिवारों के कल्याण और पुनर्वास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने नीति में छूट को मंजूरी दी है।

इस फैसले से सात ऐसे समय-बाधित मामलों में अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी जो तीन साल के अंदर-अंदर आवेदन नहीं दे सके थे। इनमें श्री हरपाल सिंह, सिपाही जिले सिंह (सेना) के पुत्र, जिनकी 9 अगस्त, 2006 को ऑपरेशन रक्षक के दौरान मौत हो गई थी; श्री संदीप गौतम, कांस्टेबल सुजीत कुमार (बीएसएफ) के भाई, जिनकी 152 बटालियन सीआरपीएफ के साथ 7 अप्रैल, 2004 को ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी; कुमारी ममता, कांस्टेबल रोहताश कुमार (बीएसएफ) की बेटी, जिन्होंने 42वीं बटालियन में 5 जुलाई, 1997 को सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी थी; कुमारी रितु, कांस्टेबल दिलबाग सिंह (बीएसएफ) की बेटी, जिनकी 88 बटालियन में 28 नवंबर, 2001 को सेवा के दौरान मौत हो गई थी सुश्री सोनू यादव, लांस नायक/चालक रामजस यादव (सीआरपीएफ) की पुत्री, जो 19 अप्रैल, 1990 को असम के मानस वन में उग्रवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में शहीद हो गए थे; श्री तरुण, सिपाही भूपेंद्र सिंह (सेना) के पुत्र, जो 1 अगस्त, 2002 को जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान कार्रवाई में मारे गए थे और श्री नागेंद्र, हवलदार राम कुमार (सेना) के पुत्र, जिन्होंने ऑपरेशन विजय (कारगिल) के दौरान अपनी जान कुर्बान कर दी थी।

इसके अतिरिक्‍त, कैबिनेट ने आतंकवादियों के साथ मुठभेड के दौरान शहीद हुए श्री देवेन्‍द्र भाटी के भाई श्री भगत सिंह को नीति में छूट देते हुए अनुकम्‍पा आधार पर नियुक्ति देने को स्वीकृति प्रदान की है।

हरियाणा मंत्रिमंडल ने एसीबी का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा करने को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा करने को स्वीकृति प्रदान की गई।

यह निर्णय ब्यूरो की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदारियों की व्यापक समीक्षा के बाद लिया गया। संशोधित नाम – राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा – ब्यूरो के दोहरे फोकस को बेहतर ढंग से दर्शाता है – भ्रष्टाचार से निपटना और प्रशासनिक ढांचे के भीतर सतर्कता सुनिश्चित करना।

ब्यूरो की जिम्मेदारी केवल भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों से कहीं अधिक है। इसमें व्यापक सतर्कता ढांचा भी शामिल है। ‘‘सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक’’ का संयुक्त नामकरण इसके कार्यों के पूर्ण दायरे को दर्शाता है, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों में कदाचार, भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दों की जांच शामिल है।

अन्य राज्यों में इसी तरह की एजेंसियों के नामकरण की समीक्षा से पता चला कि हिमाचल प्रदेश, केरल और मणिपुर सहित कई राज्य ‘‘सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’’ जैसे शीर्षक का उपयोग करते हैं।

हरियाणा ब्यूरो का नाम बदलकर समान शीर्षक रखने का उद्देश्य राज्य को राष्ट्रीय रुझानों के साथ जोड़ना है, जिससे पूरे देशभर में अधिक एकरूपता और स्थिरता को बढ़ावा देना है। प्रस्तावित नामकरण ब्यूरो की विभिन्न परिचालन शाखाओं के बीच तालमेल को भी बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करता है, जिससे भ्रष्टाचार, कदाचार और प्रशासनिक अकुशलता से निपटने में भूमिकाओं का स्पष्ट चित्रण किया जा सकेगा।

इस अवसर पर सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री के.एम.पाण्डुरंग व मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव श्री प्रवीण अत्रेय भी उपस्थित थे।

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