समूचे विपक्ष ने नायब सरकार को घरते हुए कहा प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था /गृहमंत्री के नाते CM सैनी फेल!/आम जनता तो क्या खुद पुलिस, नेता, विधायक तक नही सुरक्षित!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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समूचे विपक्ष ने नायब सरकार को घरते हुए कहा प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था /गृहमंत्री के नाते CM सैनी फेल!/आम जनता तो क्या खुद पुलिस, नेता, विधायक तक नही सुरक्षित!*
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चंडीगढ़ ;- विपक्ष के नेताओं ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार ने फायरिंग और हत्याओं को लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बना दिया है, राज्य में गुंडा राज है। इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला ने कहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि बदमाशों को सिर नहीं उठाने देंगे, तभी प्रदेश में खुलेआम हत्या हो जाती है। सीएम ने जबरन गृह विभाग अपने पास रखा है, जबकि कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है। इस महत्वपूर्ण विभाग का अलग मंत्री होना चाहिए। जजपा नेता व पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश के गृहमंत्री होने के नाते बदहाल कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सीएम की है। पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि सरकार ने कानून व्यवस्था को सात तालों के भीतर बंद करके चाबी बदमाशों के हाथ में पकड़ा दी है। कांग्रेस सरकार के दौरान बदमाशों को स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि या तो बदमाशी छोड़ दो या फिर हरियाणा और यह लागू भी करके दिखाया था। मौजूदा सरकार के राज में आम जनता तो क्या खुद पुलिस, नेता, विधायक तक सुरक्षित नहीं हैं। कारोबारी फिरौती व गुंडागर्दी के डर से प्रदेश छोड़ रहे हैं, बदमाशों के डर से शराब के ठेकों के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं।इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का पूरी तरह से फेल हो चुकी है। शराब ठेकेदारों में दहशत का माहाैल है। यमुनानगर में 55 में से 45 जोन सहित प्रदेशभर के 300 ठेके लेने के लिए ठेकेदार तक नहीं आ रहे हैं। गैंगस्टर खुलेआम गोली मार रहे हैं और रंगदारी मांग रहे हैं।
जजपा नेता दुष्यंत चाैटाला ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर होती जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा अपराधियों को चेतावनी दी जा रही है। लेकिन अपराधी बेखौफ होकर दिन दहाड़े वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। राज्य में वरिष्ठ अधिकारियों को अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी देकर थाना स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

