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सीबीआई की विशेष अदालत ने 2008 केशकांड की आरोपी हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को किया बरी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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सीबीआई की विशेष अदालत ने 2008 केशकांड की आरोपी हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को किया बरी*
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चंडीगढ़ ;- सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को 2008 के दरवाजे पर कैश कांड मामले में बरी कर दिया। विशेष सीबीआई जज अलका मलिक की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा।
दरअसल, पूर्व जस्टिस निर्मल यादव पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज रहते हुए 2008 में 15 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। इस मामले में कुल पांच आरोपी थे, जिनमें से एक की पहले ही मौत हो चुकी है। अदालत ने बीते गुरुवार को अंतिम दलीलें सुनने के बाद आज फैसला सुनाने की तारीख तय की थी।

यह मामला 17 साल पहले तब सामने आया था जब जस्टिस निर्मलजीत कौर, जो उस समय हाईकोर्ट की जज बनी थीं, के दरवाजे पर गलती से नोटों से भरा एक पैकेट पहुंच गया था। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिससे इस कथित रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ। इस मामले में जस्टिस निर्मल यादव और हरियाणा के तत्कालीन अतिरिक्त महाधिवक्ता संजीव बंसल पर केस दर्ज किया गया था, जिनकी कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी। इस मामले में 89 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 12 गवाहों को दोबारा बुलाया गया था। लंबी सुनवाई के बाद, सीबीआई की विशेष अदालत ने आज फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि सीबीआई ठोस डिजिटल या दस्तावेजी सबूत पेश करने में नाकाम रही। इसके अलावा, मुख्य गवाहों ने अदालत में अपने पहले दिए गए बयानों से पलट गए, जिससे अभियोजन का मामला कमजोर हो गया। बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग ने बताया कि कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश निर्मल यादव और अन्य चार आरोपियों को बरी कर दिया है।

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