आज से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में सीएम सैनी संभालेंगे सत्तापक्ष की कमान/ नेता प्रतिपक्ष न होने से बैकफुट पर रहेगी कांग्रेस!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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आज से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में सीएम सैनी संभालेंगे सत्तापक्ष की कमान/ नेता प्रतिपक्ष न होने से बैकफुट पर रहेगी कांग्रेस!*
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चंडीगढ़ ;- आज से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सत्तापक्ष की अगुवाई करेंगे। सरकार का बजट सत्र शुक्रवार सात मार्च से शुरू हो रहा है। बजट सत्र के पहले दिन की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अभिभाषण के जरिये हरियाणा सरकार का रोडमैप रखेंगे।
15वीं विधानसभा का बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। अब बजट होली के बाद 17 मार्च को पेश किया जाएगा। पहले बजट होली से पहले 13 मार्च को पेश किया जाना था। विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की वीरवार की बैठक में यह बदलाव किया गया है। बजट सत्र को लेकर सत्ता व विपक्ष ने मजबूत तैयारियां की हैं। विपक्ष सरकार को पेपर लीक, पीपीपी, कानून व्यवस्था, अवैध खनन, नशा, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। वहीं, विपक्ष का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष ने भी मजबूती से तैयारी की है। ऐसे में बजट सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है।
सैनी सरकार का यह पहला बजट सत्र है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया, बीएसी की बैठक में तय किया गया है कि बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। यदि जरूरत पड़ी तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं, विधानसभा की ओर से बताया गया कि 25 मार्च तक अभी सत्र तय किया गया है। इसे आगे बढ़ाने की सिफारिश आई है, जिस पर अंतिम निर्णय सदन में होगा। मार्च के आखिरी हफ्ते तक चलने वाले बजट सरकार जनहित से जुड़े कई बिल भी पेश करेगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बिल हरियाणा के लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्ती संबंधी बिल सरकार फिर से पेश करेगी। बीते साल सरकार ने इस बिल को पेश किया था, मगर केंद्र सरकार ने आपत्ति दर्ज करवाकर उसे वापस भेज दिया था। अब बिल में संशोधन कर इसे बजट सत्र में पेश किया जाएगा। वहीं, नकली बीज बेचने वाली कंपनी और डीलरों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार बिल पेश कर सकती है। हालांकि अभी एक भी बिल विधानसभा में पेश होने के लिए सूचीबद्ध नहीं हुआ है।
विपक्ष ने इन मुद्दों पर की तैयारी
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया, कांग्रेस इस सत्र में पेपर लीक, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी। सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा- प्रदेश में एक के बाद एक परीक्षा पत्र लीक हो रहे हैं। जिससे सरकार की नीयत पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खनन व एमबीबीएस परीक्षा के घोटालों का खुलासा हो रहा है। किसानों की फसलों को भारी बारिश से हुए नुकसान, कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और बढ़ते कर्ज जैसे मुद्दे भी कांग्रेस द्वारा उठाए जाएंगे। वहीं, इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा वह नशा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।
सीएम संभालेंगे कमान, करेंगे बड़ी घोषणाओं का एलान
वहीं, विपक्ष का जवाब देने के लिए हरियाणा सरकार ने मजबूती से तैयारी की है। सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष का जवाब देने की कमान खुद सीएम संभालेंगे। पिछले कुछ दिनों से वह विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों का जवाब तंज के साथ दे रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान उनकी यही कार्यशैली देखने को मिल सकती है। बजट सत्र के दौरान वह कई बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं। बजट में वह लक्ष्मी लाडो योजना का प्रावधान करने जा रहे हैं। इसके साथ ही सीईटी की तारीखों का एलान भी वह कर सकते हैं, जो नौजवानों के लिए बड़ी घोषणा होगी।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता पर नहीं हो सका फैसला
कांग्रेस विधायक दल की बैठक वीरवार को हुई। बैठक में विधायक दल के नेता पर फैसला नहीं हो सका। पंद्रहवीं विधानसभा का शुक्रवार से शुरू हो रहे सत्र में कांग्रेस बिना विधायक दल के नेता के उतरेगी। इससे कांग्रेस विधायकों के मनोबल पर असर पड़ सकता है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे पर कहा- विधायक दल ने पहले ही प्रस्ताव पारित कर के केंद्रीय नेतृत्व को नेता विपक्ष चुनने का अधिकार दिया हुआ है। अब शीर्ष नेताओं को इस बारे में फैसला करना है। कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने वीरवार को कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की थी। बैठक के दौरान विधायकों ने कहा था कि सदन में विधायक दल के नेता का होना जरूरी है। इससे विपक्ष के विधायक अपनी मुद्दों को प्रमुखता से रख सकता है। बैठक के बाद बीके हरिप्रसाद ने कहा- ऑब्जर्वरों ने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है। अब उसे ही फैसला करना है। विधायक दल का नेता नहीं होने की वजह से शुक्रवार को विधायकों की बैठक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने की। बैठक में विधायक चंद्र मोहन बिश्नोई, मामन खान, विनेश फोगाट, मंजू चौधरी, निर्मल सिंह और विकास सहारण मौजूद नहीं थे।
विधायक दल का नेता नहीं होने की वजह से इसका विधायकों पर असर पड़ना तय है। कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर सैनी सरकार को घेरना चाहती है। मगर पार्टी के पास विधायक दल का नेता नहीं होने की वजह से इसका असर कांग्रेस विधायकों के मनोबल पर पड़ेगा। प्रभारी बीके हरिप्रसाद के साथ हुई विधायकों ने इसलिए विधायक दल का नेता चुने जाने की बात कही थी। विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष भी सवाल खड़े करेगी।