एमपी में सियासी घमासान का अंदेशा, रात को गुपचुप तरीके से की सिंधिया और पूर्व सीएम-शिवराज ने मुलाकात!
टीम
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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एमपी में सियासी घमासान का अंदेशा, रात को गुपचुप तरीके से की सिंधिया और पूर्व सीएम-शिवराज ने मुलाकात!
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भोपाल ;- मध्यप्रदेश में सियासी घमासान के आसार दिखने लगे हैं। खबर है कि कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ट नेता शिवराज सिंह चौहान से मुलाकता की है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश की सियासत में नया पंगा खड़ा होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोमवार देर रात, चौहान और सिंधिया के बीच लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई। इस मुलाकात से भाजपा से लेकर कांग्रेस महकमे में हलचल तेज हो गई है। सिंधिया देर रात को भोपाल पहुंचे थे। यहां से वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशौक जैन भाभा को उनके घर पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। इसके बाद वह चौहान के लिंक रोड स्थित निवास स्थान गए। बताया जा रहा है कि उनके भोपाल पहुंचने पर उनके समर्थकों तक को इस मुलाकात के बारे में कुछ नहीं मालूम था।
सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों से लेकर सरकार के कामकाज तक पर चर्चा की। इस मुलाकात को लेकर सिंधिया का कहना है कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। चुनाव के दौरान भाजपा ने माफ करो महाराज के जुमले का प्रचार किया था। जब उनसे पुछा गया कि क्या वह इसकी कड़वाहट भूल चुके हैं तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा शख्स नहीं हूं जो कड़वाहट लेकर पूरी जिंदगी बिताउं। राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों की बात करें तो एक हफ्ते के अंदर तीन भाजपा नेताओं की हत्या हो चुकी है। जिसे लेकर शिवराज ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया था। 50 साल के मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष प्रह्लाद बंधवार को बीच चौराहे पर गुरुवार को गोली मार दी गई थी। वहीं इंदौर में 45 साल के व्यापारी और स्थानीय बिल्डर संदीप अग्रवाल की व्यस्त बाजार में हत्या कर दी गई थी। शिवराज सिंह चौहान ने इन हत्याओं की निंदा की थी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा था। जिसमें उनसे इन मामलों की जांच उच्च स्तरीय समिति से करने को कहा गया था। चौहान ने आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से अचानक अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। वहीं रविवार को भाजपा नेता मनोज ठाकरे का शव बडवानी में मिला था। एक हफ्ते से कम समय के अंदर यह दूसरे भाजपा नेता की हत्या थी।