तीन साल की बच्ची से कृत्य करने वाले राक्षसी दुष्कर्मी को हाईकोर्ट ने सुनाई मौत की सजा*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तीन साल की बच्ची से कृत्य करने वाले राक्षसी दुष्कर्मी को हाईकोर्ट ने सुनाई मौत की सजा*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगड़ ;- तीन वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति की मौत की सजा को मंजूरी देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि इस राक्षसी कृत्य के लिए मौत सही है। हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को तत्काल एक जल्लाद नियुक्त करने और मृत्युदंड को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है। 12 नवंबर 2018 को गुरुग्राम के सेक्टर-65 में तीन साल की बच्ची का शव नग्न अवस्था में खून से लथपथ पाया गया था। पीड़िता का पड़ोसी दोषी था, जिसने दुष्कर्म करने के बाद हत्या की थी। पोक्सो अधिनियम के तहत गुरुग्राम की विशेष अदालत ने उसे तीन फरवरी 2024 को यौन उत्पीड़न और हत्या का दोषी मानकर मौत की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट मौत की सजा की पुष्टि के लिए राज्य की अपील और सजा के आदेश के खिलाफ दोषी सुनील की अपील पर सुनवाई कर रहा था। हाईकोर्ट ने पाया कि दोषी ने बयान में मृतक के साथ दुष्कर्म करने का अपना अपराध कबूल किया है। आरोपी को ही पता था कि अपराध में इस्तेमाल किए हथियार कहां छिपाए थे। डीएनए रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि पीड़िता के शरीर पर खून के धब्बे और अन्य डीएनए याची का था। साक्ष्य अभियुक्त और मृतक के अंतिम बार एक साथ देखे जाने के सिद्धांत की पुष्टि भी करते हैं। हाईकोर्ट ने इसे दुर्लभतम मामला मानने के ट्रायल कोर्ट के आदेश से सहमति जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला न्यायिक अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है। मामला एक बच्ची की जघन्य हत्या से संबंधित है, लेकिन उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद, यह दोषी-अपीलकर्ता के अमानवीय और राक्षसी आचरण का उदाहरण है। ट्रायल जज द्वारा दोषी-अपीलकर्ता को मृत्युदंड की सजा सुनाने का फैसला बिलकुल सही है और हाईकोर्ट इसकी पुष्टि करता है।