भिवानी के चिड़ियाघर में आजाद हुए शेरनी के दो नर शावक*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भिवानी के चिड़ियाघर में आजाद हुए शेरनी के दो नर शावक*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भिवानी ;- 13 माह बाद सोमवार दोपहर को मादा बब्बर शेरनी गीता के साथ पहली बार उसके दो शावक सिंघम और शेरा खुले बाड़े में छोड़े गए। खुले बाड़े में पहली बार खुली आबोहवा में दोनों ने सुकून महसूस किया। इस दौरान इन दोनों शावकों के पिता नर बब्बर शेर सिंबा और दूसरे नर बब्बर शेर शिवा को अलग बाड़े में रखा गया। अब तीन दिनों तक वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी मां और दो शेर शावकों पर विशेष निगरानी रखेंगे। अब भिवानी के चौधरी सुरेंद्र सिंह मेमोरियल लघु चिड़ियाघर में दो नर शावकों के दीदार भी मंगलवार से दर्शकों को होंगे।
भिवानी के चौ. सुरेंद्र सिंह मेमोरियल लघु चिड़ियाघर में दो अक्तूबर 2023 को मादा बब्बर शेरनी गीता ने दो शावकों को जन्म दिया था। जन्म के बाद से ही मां और उसके दो शावकों को स्पेशल बंद बाड़े में रखा गया था। अब 13 माह बाद पहली बाद शेरनी गीता और उसके दो शावकों को खुले बाड़े में छोड़ा गया है। हालांकि शुरुआत में वन्य जीव प्राणी विभाग के अधिकारियों को सकारात्मक नतीजे मिले हैं, लेकिन फिर भी तीन दिन तक मां और उसके दोनों शावकों की गतिविधियों पर वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारी निगरानी रख मॉनिटरिंग करेंगे।
मुख्य वन्य जीव वार्डन हरियाणा विनीत गर्ग के आदेश पर वन्य निरीक्षक देवेंद्र हुड्डा, वन्य जीव रक्षक सोमबीर की देखरेख में रोहतक मिनी जू के वेटनरी सर्जन डॉ अशोक खासा ने सोमवार को शेर के शावकों को खुले बाड़े में छोड़ दिया।
इंदौर से करीब 900 किलोमीटर दूर का सफर तय कर 18 घंटों में सिंबा बब्बर शेर को जनवरी 2023 में भिवानी के लघु चिड़ियाघर में लाया गया था। सिंबा का यहां लाने का मकसद बब्बर शेर के बाड़े में उनका कुनबा बढ़ाना था। इस मकसद में वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कामयाब भी हुए। क्योंकि उसी साल सिंबा ने अपना रिजल्ट भी दे दिया। जबकि यहां इंदौर चिड़ियाघर से ही पहले नर बब्बर शेर शिवा को यहां लाया गया था। करीब चार साल से अधिक उम्र का हो चुका शिवा गीता के साथ नजदीकियां नहीं बढ़ा पाया था। इसलिए वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों को दूसरा नर बब्बर शेर सिंबा को यहां लाना पड़ा था। गीता के दोनों शावकों का पिता सिंबा है।
लघु चिड़ियाघर में पैदा हुए दोनों नर शावकों का नामकरण भी हो चुका है। गीता के दोनों शावकों के नाम सिंघम और शेरा रखा गया है। वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी जब भी उन्हें नाम से पुकारते हैं तो वे झट से उनकी तरफ दौड़े आते हैं। वहीं, दर्शकों को देखकर भी शुरुआत में 13 माह के ये बब्बर शेर के शावक थोड़ी उत्सुकता दिखा रहे हैं।
शेरनी गीता के दोनों शावकों को खुले बाड़े में छोड़ा गया है। तीन दिनों तक इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। अब ये दर्शकों के लिए खुले बाड़े में रखे जाएंगे। इससे लघु चिड़ियाघर में आने वाले दर्शक इनका दीदार कर सकेंगे। दोनों शावकों का नामकरण भी किया गया है। *-वन्य निरीक्षक देवेंद्र हुड्डा, इंचार्ज, चौधरी सुरेंद्र सिंह मेमोरियल लघु चिड़ियाघर, भिवानी।*