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*हरियाणा में कांग्रेस नही “हुड्डा कांग्रेस हारी” शैलजा गुट के निशाने पर आए भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा, आरोप-हमें हरवाया गया!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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*हरियाणा में कांग्रेस नही “हुड्डा कांग्रेस हारी” शैलजा गुट के निशाने पर आए भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा, आरोप-हमें हरवाया गया!*
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हरियाणा में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब प्रत्याशियों की नाराजगी और पार्टी की गुटबाजी सामने आने लगी है। खासकर उन सीटों पर जहां पार्टी के ही बागी उम्मीदवारों के कारण कांग्रेस प्रत्याशी हार गए।
हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी अब खुलकर अपनी पार्टी के नेताओं पर हार की ठीकरा फोड़ रहे हैं। खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा को निशाना बनाया जा रहा है। एक-एक करके कुमारी सैलजा के हारे हुए प्रत्याशी मीडिया के सामने आ रहे हैं और दूसरे धड़े पर भितरघात के आरोप लगा रहे हैं।
*मैं हारा नहीं, पार्टी ने मुझे हरवाया : परी*
कांग्रेस ने अंबाला कैंट से परविंदर सिंह परी को टिकट दिया था, परी कुमारी सैलजा गुट से हैं। यहां पर हुड्डा गुट की नेता चित्रा सरवारा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिससे कांग्रेस हार गई और भाजपा को जीत मिली। परी ने वीरवार को कहा कि चुनाव हारना और चुनाव हराना दोनों में फर्क होता है। मुझे चुनाव हराया गया है। पार्टी ने ही एक बागी उम्मीदवार खड़ा करके पूरे षडयंत्र के तौर पर उन्हें हराने की कोशिश की है और उनकी मंशा पूरी भी हो गई। परी ने यह भी कहा कि कुमारी सैलजा सही समय पर आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और ही होते। उन्होंने कहा कि कहीं न कही राहुल गांधी को धोखा दिया गया है, उनको भ्रमित किया गया है।

*तीन कांग्रेसियों ने भाजपा के लिए पैसे बांटे* : राठौर
घरौंडा से चुनाव हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर भी मुखर हो गए हैं। राठौर का आरोप है कि चुनाव में कांग्रेस के नेताओं ने भितरघात किया है। राठौर का आरोप है कि भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए कांग्रेस नेता पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, रघुवीर संधू और भुप्पी लाठर ने मतदाताओं को पैसे बांटे। राठौर ने को चेताया है कि अगर इन पैसे बांटने वालों को पार्टी से नहीं निकाला गया तो वह पार्टी छोड़ देंगे। इन तीनों नेताओं के खिलाफ उन्होंने पार्टी हाईकमान को पत्र लिखने की बात भी कही।
*भाजपा से मिले हुए थे पार्षद : त्रिलोचन सिंह*
करनाल से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके त्रिलोचन सिंह ने भी भितरघात के आरोप लगाए हैं। त्रिलोचन ने कहा कि नगर निगम के छह में से 5 पार्षद भाजपा से मिले थे और इसलिए यहां से कांग्रेस प्रत्याशी सुमिता सिंह हारी। उन्होंने सुमिता सिंह पर भी निशाना साधा और कहा कि ड्राइंग रूम की राजनीति अब नहीं चलेगी, बल्कि उनको सड़कों पर आना पड़ेगा। सिंह ने कहा कि वह चुनाव के पूरे राज खोलेंगे।
*हुड्डा कांग्रेस हारी*
असंध से हार का सामना करने वाले पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि कांग्रेस नहीं हारी है, बल्कि हुड्डा कांग्रेस हारी है। चुनाव से पहले ही लोग कहने लगे थे कि हुड्डा सरकार बनेगी। अगर पार्टी जीत जाती तो इसका श्रेय भी पिता-पुत्र ही लेते और अब हार की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी चाहिए। पार्टी के अंदर की भितरघात से ही चुनाव हारे हैं। असंध में कांग्रेस के कई नेताओं ने भितरघात किया है।

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