यमुनानगर के लोगो को तटबंध से राहत की बजाए मिली आफत, पथराला के पानी से 500 एकड़ फसल बर्बाद*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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यमुनानगर के लोगो को तटबंध से राहत की बजाए मिली आफत, पथराला के पानी से 500 एकड़ फसल बर्बाद*
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यमुनानगर ;- साढौरा में सिंचाई विभाग की ओर से नकटी नदी पर बनाया गया तटबंध कस्बावासियों को राहत की बजाए आफत का पर्याय बन गया है। आरोप है कि नगरपालिका व कस्बावासियों के विरोध के बावजूद सिंचाई विभाग ने मनमानी करते हुए तटबंध बनाया। तटबंध के कारण नदी के प्रवाह क्षेत्र का दायरा कम हो गया और पानी कस्बे के कई मोहल्लों तक पहुंचकर परेशानी का सबब बन गया।
कस्बे के कई क्षेत्र नदी के प्रवाह क्षेत्र से नीचे होने के कारण बरसात के दौरान नदी का पानी इन क्षेत्रों की तरफ रुख कर जाता है, जिसके कारण कई मोहल्लों में जलभराव होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए नगरपालिका नकटी नदी की खोदाई करवाने की पक्षधर रही है। वहीं सिंचाई विभाग ने नदी की खोदाई करवाने की बजाए मई के शुरू में तटबंध बनाना शुरू किया। इस पर नगर पालिका की चेयरपर्सन शालिनी शर्मा सहित सभी पार्षदों ने इस बारे में डीसी एवं एसडीएम से गुहार की। इसके बावजूद सिंचाई विभाग ने मनमानी करते हुए नदी की खुदाई करने की बजाए तटबंध बनाने का काम जारी रखा। इस तटबंध के बनाने से नदी का प्रवाह क्षेत्र पहले से भी कम हो गया। नतीजा नदी के उफनते पानी के कारण कस्बे में जलभराव हो गया।
यही नहीं सिंचाई विभाग ने तो कस्बे के पानी की निकासी के लिए पुलिया या पाइप तक नहीं बिछाए। चेयरपर्सन व सभी पार्षदों के विरोध करने पर निकासी के लिए दो पाइप बिछाए गए लेकिन वो भी पानी की मात्रा के मुकाबले नाकाफी सिद्ध हुए। आखिरकार प्रशासन के आदेशों पर इस तटबंध को स्टेडियम व श्मशान घाट के पास तोड़ने के बाद ही पानी की निकासी संभव हो सकी। चेयरपर्सन शर्मा ने जलभराव के कारण हुए नुकसान के लिए सिंचाई विभाग को दोषी ठहराया है।
*रिटायर्ड बीईओ ने भी किया था विरोध*
रिटायर्ड बीईओ अख्तर अली ने भी तटबंध बनाए जाने के दौरान ही नदी में अवैध कब्जों को बचाने के आरोप लगाए थे। तब उन्होंने कहा था लगता है कि यह तटबंध कस्बे की सुरक्षा की बजाए अवैध कब्जों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया जा रहा है। दरअसल, अवैध कब्जों को हटाने के बजाए कुछ हटकर तटबंध बना दिया गया। इस कारण अवैध कब्जे तो नदी की मार से सुरक्षित हो गए लेकिन नदी का प्रवाह क्षेत्र पहले से भी कम होने से कस्बावासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ के पानी की वजह से मची तबाही
छछरौली क्षेत्र में रविवार को पथराला नदी में आई बाढ़ के पानी की वजह से मची तबाही का सोमवार को मंजर देख ग्रामीण सिहर उठे हैं। बाढ़ के पानी ने सड़कें, फसलें तबाह कर दीन हैं। खंड छछरौली में सोम व पथराला नदियों में आई बाढ़ के पानी से लगभग 500 एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है।
सोम नदी की पटरी टूटने पर खानूवाला गांव में ज्यादा नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक चार-पांच फीट तक घुस गया था। जिससे पुराने वह कच्चे मकान दीवारों ढह गई और गालियां उखड़ गई हैं। बाढ़ के पानी से सभी गलियों में बहकर आई रेगी जम गई है। जिसे अब ग्रामीण बाहर निकाल रहे हैं।
खानूवाला गांव के बुजुर्ग व छोटे बच्चे अभी भी दहशत में हैं। लोगों के पास खाना-पानी कुछ नहीं बचा था। आसपास के ग्रामीण रिश्तेदारों परिचितों ने खाना पानी देकर सेवा कार्य किया है। सोम नदी में टूटी पटरी से आए तेज बहाव ने सड़कें बुरी तरह से उखाड़ गई। लेदी से बिलासपुर जाने वाली सड़क कई जगह से टूट चुकी है।
पानी के बहाव के कारण कई फीट के गड्ढे बन गए हैं। इसके साथ ही लेदी से शेरपुर मोड छछरौली जाने वाली सड़क भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने हर तरह से मदद की है। प्रशासन की तरफ से दो दिन बीतने के बावजूद भी किसी प्रकार की कोई मदद नहीं आई है।
ग्रामीणों ने लेदी-बिलासुपर मार्ग पर तीन घंटे लगाया जाम
सोम नदी की पटरी तोड़ने पर बाढ़ का पानी लोप्पो, तिहाणों गांवों की तरफ मुड़ने से नाराज ग्रामीणों ने लेदी-बिलासपुर मार्ग पर तीन घंटे तक जाम लगाए रखा। बाढ़ के पानी से हुए नुकसान से नाराज ग्रामीण लोप्पो, तिहाणों, खानूवाला व सलेमपुर आदि गांवों के लोग एकजुट होकर सड़क पर बैठ गए। ग्रामीणों का साथ देने विभिन्न किसान संगठनों के नेता भी मौके पहुंच गए। बाद में एसडीएम बिलासपुर के समझाने व पटरी पर मरम्मत करने पहुंची मशीन देखकर ग्रामीण शांत हुए।
ग्रामीणों ने कहा कि मलिकपुर व अन्य गांवों के कुछ शरारती तत्वों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए क्षेत्र के लगभग 25 गांवों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि रविवार को खानूवाला, लोप्पो व सलेमपुर आदि गांवों में बाढ़ के पानी ने नुकसान हुआ है,जिसके जिम्मेदार पटरी तोड़ने वाले शरारती तत्व हैं।
ग्रामीण आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी करने की मांग व जिस जगह से पटरी टूटी थी वहां पर दोबारा रिपेयर करने पर अड़े रहे। जाम की सूचना मिलते ही बिलासपुर एसडीएम देवेन्द्र शर्मा तहसीलदार व थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंच किसानों को आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी और पटरी की आज ही मरम्मत की जाएगी। आश्वासन मिलने पर ग्रामीणों ने जाम खोला। उल्लेखनीय है पहाड़ाें पर भारी बारिश होने के चलते रविवार को सोम नदी का जलस्तर बढ़ गया था। ऐसे में बाढ़ का पानी इन गांवों में घुस गया और फसलें भी खराब हो गई। इसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।