सुरजेवाला का आरोप, पूर्व सीएम मनोहरलाल से बड़े इवेंटबाज बनने की फ़िराक़ में हरियाणा CM नायब सैनी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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सुरजेवाला का आरोप, पूर्व सीएम मनोहरलाल से बड़े इवेंटबाज बनने की फ़िराक़ में हरियाणा CM नायब सैनी*
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दिल्ली ;- कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के 5 साल से अधिक के संघर्ष और जटिल कानूनी प्रक्रिया के बाद मुश्किल से सिरे चढ़ी, टीजीटी की भर्ती को भी भाजपा “वोट बटोरो इवेंट” बनाने पर तुली है।
रणदीप ने आरोप लगाया कि भर्तियां में जानबूझकर कमियां छोड़ी जाती हैं ताकि युवाओं को रोजगार देने की बजाय भर्तियों को कोर्ट में लटकने के लिए छोड़ दिया जाए। अब जब लोकसभा चुनाव में प्रदेश के युवाओं ने भाजपा के तमाम भ्रामक प्रचार को नकारकर इनको हरा दिया तो इनको भर्तियों की याद आई है। सुरजेवाला ने कहा कि जिस प्रदेश में 10 लाख से अधिक उच्च शिक्षित युवा ग्रुप डी तक की भर्तियों के लिए लाइन लगाए ख़ड़े हों वहां भाजपा की नायब सरकार द्वारा 7 साल में मात्र 7 हज़ार टीजीटी की भर्ती पर इवेंटबाज़ी करना एक औछी मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को वर्कशॉप के बहाने बुलाकर करोड़ों रुपये के सरकारी और विज्ञापन खर्च पर चुनावी रैली करना बेहद निंदनीय है। रणदीप ने कहा कि दरअसल, इस तरह के हथकंडे अपनाना इनकी मजबूरी है। प्रदेश की जनता भाजपा की दमनकारी नीतियों और भ्रष्टाचार से आज़िज़ आकर इन्हें प्रदेश की सत्ता से उखाड़ फेंकने का निश्चय कर चुकी है। इसका ट्रेलर भाजपा लोकसभा चुनाव में देख भी चुकी है, जब लोगों ने इनके उम्मीदवारों तथा नेताओं का गांवों में प्रवेश निषेध कर दिया था। सुरजेवाला ने कहा कि इनकी रैलियों में वैसे तो अब 700 लोग भी इकट्ठे नही होते इसलिए अलग-अलग इवेंट्स के बहाने सरकारी कर्मचारियों को इकट्ठे करके रैलियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नवचयनित शिक्षकों को वर्कशॉप के बहाने पंचकूला बुलाकर मुख्यमंत्री नायब सिंह चुनावी रैली कर रहे हैं जिसमें विज्ञापनों व प्रचार के प्रोपेगेंडा पर करोड़ों रुपये के सरकारी खर्च हो रहा है। रणदीप ने कहा कि जिस सरकार में एचसीएस से लेकर ग्रुप डी तक हर भर्ती में गड़बड़ियां-धांधलियां सामने आ चुकी हैं, इनका एचपीएससी की डिप्टी सेक्रेटरी करोड़ों रुपये नकदी के साथ ओएमआर शीट भरता हुआ रंगे हाथों पकड़ा जा चुका है, 40 से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं, वह भाजपा सरकार भी जब ईमानदारी और पारदर्शिता की बात करती है तो बेशर्मी की इंतेहा हो जाती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग इस हद तक निर्लज्जता पर उतर चुके हैं कि खुद के भर्ती आयोगों से भ्रष्टाचार और धांधलियां दूर करने की बजाय इस सरकार के सताए हुए बेरोजगार युवाओं को ‘भर्ती रोको गैंग’ कहकर अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह से मांग की कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को ‘भर्ती रोको गैंग’ कहकर अपमानित करने की बजाय भर्ती आयोगों में बैठी अपनी पार्टी के ‘अटैची गैंग’ पर नियंत्रण करें। ये लोग भर्तियों में धांधलियां करते हैं, गलत नीतियां बनाते हैं, पर्चे लीक करते हैं और जब प्रदेश का युवा इनके कुकर्मों से दुःखी होकर न्यायालय की शरण मे जाता है तो ये उन युवाओं को ‘भर्ती रोको गैंग’ कहकर अपमानित करते हैं। इनके ऊपर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत सही चरितार्थ होती है। सुरजेवाला ने कहा कि आजकल मुख्यमंत्री नायब सिंह खुद को खट्टर साहब से भी बड़ा इवेंटबाज़ और जुमलेबाज सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जुमला सुनाते फिर रहे हैं कि अगले 45 दिन में 45000 भर्तियां करेंगे। वे उनके इस जुमले का स्वागत करते हैं लेकिन, इससे पहले मुख्यमंत्री इस बात का जवाब दें कि पिछले 5 साल में कितनी भर्तियां की और अब कितनी पक्की नौकरी देंगे? मुख्यमंत्री ये भी बतायें कि ग़रीब बच्चों को ‘सोशियो इकोनॉमिक’ के नंबर देकर ही भर्ती करने के उनके वादे का क्या हुआ?
भाजपा सरकार ये भी बताए कि उनकी कितनी भर्तियों के परिणाम हाल ही में माननीय न्यायालय ने रदद् कर दिए और इसके उपरांत कितनी भर्तियां शेष बच गई जो रदद् नही हुई? सुरजेवाला ने याद दिलाया कि सितम्बर में आचार संहिता लागू होने वाली है और मुख्यमंत्री नायब सिंह अब तक 45 हज़ार नौकरियों की भर्ती के सब्ज़बाग दिखाते फिर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश के युवाओं को बेरोजगार रखकर ये 45000 भर्तियां चुनावी जुमलों के लिए अब तक बचाकर क्यों रखी थी ? रणदीप ने पूछा कि जब प्रदेश में दो लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त हैं तो मात्र 45000 भर्तियों का ही जुमला क्यों फेंका जा रहा है? बाकी पदों पर भर्तियां क्यों नही?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश के युवाओं के साथ कल भी कन्धे से कंधा मिलाकर खड़ी थी, आज भी उनकी न्याय की लड़ाई में युवाओं के साथ खड़ी है और जब तक प्रदेश से इस अथाह बेरोजगारी का समाधान नही हो जाता, ‘अटैची गैंग’ को उसके कुकर्मों की सज़ा नही मिल जाती, चयन आयोगों में बैठे मगरमच्छों को उनके अंजाम तक नही पहुंचाया जाता,पेपर लीक होने बन्द नही होते तब तक हम इस सरकार के कारनामों को बेनक़ाब करते रहेंगे।