Tuesday, July 2, 2024
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पानीपत से पलवल में असोटी तक 95 किलोमीटर नई रेल लाइन को दी मंजूरी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पानीपत से पलवल में असोटी तक 95 किलोमीटर नई रेल लाइन को दी मंजूरी*
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चंड़ीगड़ :-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पानीपत से पलवल में असोटी तक 95 किलोमीटर नई रेल लाइन को मंजूरी दे दी है जो दिल्ली को बाईपास करते हुए रोहतक-झज्जर-फारुखनगर-पटली-मानेसर-सोहना से गुजरेगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि यह नई रेल लाइन नव गठित हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआईडीसी) द्वारा स्थापित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह नया रेल मार्ग फरीदाबाद, बल्लबगढ़, पलवल, सोहना और गुरुग्राम के लिए चंडीगढ़ समेत हरियाणा राज्य के सभी जिलों के साथ सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और इस प्रकार राज्य की राजधानी समेत सभी महत्वपूर्ण स्थानों को त्वरित यात्री कनेक्टिविटी और गुरुग्राम से चंडीगढ़ तक के लिए शताब्दी जैसी रेल गाडिय़ां चलाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह दिल्ली रेल नेटवर्क की भीड़ को कम करेगा और इस प्रकार दिल्ली में यात्री एवं माल वाहनों के उच्च घनत्व को कम करके पर्यावरणिक दृष्टिï से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए बेहद फायदेमंद सिद्घ होगा।प्रवक्ता ने बताया कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लबगढ़ और पलवल क्षेत्र के लिए दिल्ली से गुजरने वाला रेल नेटवर्क औद्योगिक विकास के लिए एक बहुत बड़ी बाधा है। प्रस्तावित नई रेल लाइन से राज्य के आर्थिक विकास के एक नए युग का सूत्रपात होगा। नई रेल लाइन का विस्तृत ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि मार्ग का मुख्य हिस्सा भारतीय रेलवे नेटवर्क पर पहले ही मौजूद है और केवल मिसिंग लिंक उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता होगी। पानीपत से झज्जर वाया रोहतक का मार्ग पहले से ही मौजूद है। झज्जर को लगभग 30 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन के माध्यम से फरुखनगर में पहले से ही मौजूदा स्टेशन से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जहां फरुखनगर से गढ़ी हरसरू और गढ़ी हरसरू से पटली तक रेलवे लाइन मौजूद है, वहीं पटली से असोटी तक लगभग 60 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का निर्माण करना आवश्यक होगा, जो मानेसर और सोहना से गुजरेगी। इसके अलावा, गढ़ी हरसरू, पटली और असोटी रेलवे स्टेशनों पर वाई-कनेक्शन का प्रावधान किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इस मार्ग के विकास से कॉन्कोर या अन्य कम्पनियों द्वारा इस क्षेत्र में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) की नई ग्रीनफील्ड परियोजनाएं विकसित करने की संभावना उत्पन्न होगी। यह मार्ग तुगलकाबाद के प्रमुख कॉन्कोर डिपो के लिए हरियाणा, पंजाब और राजस्थान और गुजरात राज्यों के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों के लिए सीधी कनेक्टिविटी (दिल्ली से गुजरे बिना) की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह असोटी में डीएफसी को कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा जो समस्त हरियाणा राज्य से समर्पित फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) तक यातायात के आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार, कॉन्कोर, डीएफसीसीआईएल और एचएसआईआईडीसी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को एचआरआईडीसी के साथ साझेदार के रूप में भी शामिल किया जा सकता है।

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