केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत बोले- कुछ लोगों ने धर्मबीर के साथ न होने का फैलाया भ्रम, धर्मबीर को जिताने आप लोगो को बीच मे आया हूं*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत बोले- कुछ लोगों ने धर्मबीर के साथ न होने का फैलाया भ्रम, धर्मबीर को जिताने आप लोगो को बीच मे आया हूं*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगड़/महेंद्रगढ़ ;- चार तारीख को चौधरी धर्मबीर सिंह के पर्चा भरने के समय वह नहीं पहुंच पाया तो लोगों में भ्रम डाल दिया कि राव इंद्रजीत सिंह बिरादरीवाद में फंस गया और धर्मबीर को जिताना ही नहीं चाहता। आज वह धर्मबीर को जिताने आया है।यह विचार सोमवार को कनीना क्षेत्र के गांव सेहलंग में आयोजित चुनावी जन सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के नेता एवं गुरूग्राम लोक सभा से प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर के नामांकन में न पहुंचने की अटकलों को खारिज करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ लोगों को तीन दिन पूर्व जिम्मेदारी सौंपी थी कि चार को धर्मबीर पर्चा भरेगा। लेकिन उनको कानोंकान खबर नहीं होने दी।उन्होंने कहा कि अगर राव दान सिंह जीतता है तो वह चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मिल जाता है तो सारे राजी, तो चर्चा होंती है अहीर की जाट से मिटिंग हो गई बहुत बढि़या बात, अगर जाट इंद्रजीत का साथ देता है तो गलत। पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का जिम्मा है प्रदेश की दस की दस लोकसभा सीट जिताने का, वर्तमान में बड़े नेता भी हैं, उनको तीन दिन का समय दिया था, कि इंद्रजीत को खबर करो की चार तारीख को धर्मबीर पर्चा भर रहे हैं, लेकिन तीन दिनों तक इंद्रजीत के कानोंकान खबर नहीं होने दी, जिम्मेदार किसको ठहराऊंगा, आखिर धर्मबीर ने सुबह फोन करके ही पूछ लिया कि तुम आ रहे हो या नहीं, लेकिन पार्टी वालों की जिम्मेदारी थी कि लेकिन खबर नहीं दी तो क्या करें, जिसकी जिम्मेदारी थी उसकी इलेक्शन के बाद खबर ली जाएगी। हो सकता है भाजपा में भी भीतरघात हो लेकिन कांग्रेस में भी भीतरघात होता रहा है। लेकिन आज के दिन वह दावा करते हैं इस इलेक्शन के बाद हरियाणा का मानचित्र बदलेगा।
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम बनेंगे, लेकिन वह जब सीएम बनेंगे जब हम बननें देंगे, अन्यथा कैसे बनेगा। कोई भ्रम में न रहे भाजपा में भी परिवर्तन होगा, जो लोग आज बड़े-बड़े ओहदों पर बैठे हैं जरूरी नहीं की यही लोग आगे भी उसी तरह से बैठे रहें।