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*उम्मीदवारों की घोषणा न करने के कारण हरियाणा लोकसभा की 4 सीटें भाजपा के लिए बनी सिरदर्द! कैसे होंगा मोदी का नारा साकार अबकी बार 400 पार!*

*राणा ओबराय*
*राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,*
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*उम्मीदवारों की घोषणा न करने के कारण हरियाणा लोकसभा की 4 सीटें भाजपा के लिए बनी सिरदर्द! कैसे होंगा मोदी का नारा साकार अबकी बार 400 पार!*
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हरियाणा की राजनीति में निरंतर हेरफेर होता नजर आ रहा है। उसका कारण कोई औऱ नही बल्कि खुद हरियाणा भाजपा संगठन औऱ हरियाणा सरकार के आत्मघाती फैंसले है। सबसे पहला गलत फैंसला हरियाणा में संगठन को जबरदस्त तरीके से मजबूत करने वाले अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को बदलना था। उसके बाद नायब सैनी जैसे- तैसे संगठन को मजबूत करने के लिए दिनरात लगे हुए थे कि चुनावों के एन मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को बदलना है। क्या यह दोनों फैंसले सही है। जब इस विषय पर हमने राजनीति के अनुभवी लोगो से बात की तो उनका कहना है कि यह दोनो निर्णय भाजपा के लिए आत्मघाती साबित होंगे। सवाल उठता है कि आनन फानन में क्योँ बदला गया सब कुछ, क्या मनोहरलाल मंत्रिमंडल जनता के अनुरूप सही कार्य नही कर रहा था अथवा खट्टर सरकार के खिलाफ हरियाणा की जनता में रोष था अथवा हरियाणा में भ्र्ष्टाचार का बोलबाला था। प्रदेश के लोगो के मन में जबरदस्त नेगटिव खयाल दौड़ रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने जिस तरह एकाएक सरकार और संगठन के मुखिया को बदला उससे लगता है लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए आने वाला समय सही नही है। हरियाणा लोकसभा की 6 टिकटों की घोषणा में 2 उम्मीदवार बदले गए। करनाल लोकसभा की सीट पर 6 लाख 80 हजार वोटो से जितने वाले सांसद संजय भाटिया की टिकट काट दी गयी। IRS अधिकारी रही लोकसभा सिरसा से सांसद रही सुनीता दुग्गल की भी टिकट काट दी गयी। यह भाजपा आलाकमान का कैसा निर्णय है। जो भी है यह भाजपा वाले जाने। अब मुद्दा यह आता है कि अभी तक रोहतक, हिसार, सोनीपत तथा कुरुक्षेत्र के उम्मीदवारों की घोषणा क्यों नहीं की थी। मतलब साफ है प्रदेश में रिपोर्ट ठीक नही इसीलिए भाजपा लोकसभा चुनाव से घबरा रही है!

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