हरियाणा के पुर्व CM ओपी चौटाला ने गठबंधन सरकार को घेरते हुए कहा निगम बने घोटालों का गढ़, कांग्रेस सरकार में हुए शुरू भाजपा सरकार में हो गई है इंतहा*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा के पुर्व CM ओपी चौटाला ने गठबंधन सरकार को घेरते हुए कहा निगम बने घोटालों का गढ़, कांग्रेस सरकार में हुए शुरू भाजपा सरकार में हो गई है इंतहा*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के साढ़े सात साल के शासनकाल में कोई ऐसा विभाग नहीं बचा है जिसमें भाजपा नेताओं ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके घोटाले न किए हो। 2014 में भाजपा सरकार के आने के बाद हमने भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में हुए घोटालों की 400 पेजों की एक चार्जशीट मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और महामहिम राज्यपाल को सौंपी थी। चार्जशीट पर कोई कार्रवाई करना तो दूर उलटा कांग्रेस सरकार से चले आ रहे घोटाले भाजपा सरकार में कई गुणा बढ़ गए हैं।
नगर निगम, परिषद और पालिका में भ्रष्टाचार चरम पर है और घोटालों का गढ़ बन चुके हैं। निगमों में भ्रष्टाचार कांग्रेस की सरकार में शुरू हुआ था और अब भाजपा सरकार में तो इंतहा हो गई है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, करनाल, पंचकूला, भिवानी, हिसार, अंबाला और सिरसा जिलों के निगमों में भाजपा नेताओं और निगम अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार घोटालों के केस सामने आ रहे हैं लेकिन आज तक असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। फरीदाबाद निगम में 200 करोड़ का घोटाला हुआ जिसमें बगैर काम किए ठेकेदार को पैसों का भुगतान किया गया। गुरुग्राम निगम में सालिड वेस्ट मैनेजमैैंट, हैल्थ और सेनिटेशन एवं कूड़ा उठान से संबंधित 180 करोड़ का घोटाला। सोनीपत निगम में टेंडर व कूड़ा उठान और सर्विस चार्ज घोटाला। पानीपत निगम में कूड़ा उठान, स्ट्रीट लाइट एवं हाऊस टैक्स का घोटाला। करनाल निगम में स्ट्रीट लाइट, सीवरेज लाइन और अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री को लेकर एनओसी जारी करने का करोड़ों रुपए का घोटाला। पंचकूला निगम में कचरा निस्तारण के नाम पर करोड़ों रूपए का घोटाला। भिवानी निगम में चेक और रसीद घोटाला। हिसार निगम में मैनपावर मुहैया करवाने वाली एजेंसी को लाखों रूपए जारी करने का घोटाला। अंबाला निगम में कूड़ा उठान में पांच करोड़ एवं स्टेडियम में 66 करोड़ रूपए का घोटाला। सिरसा निगम में फेक बिल घोटाला जैसे अनेकों घोटाले हुए हैं। सरकार जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत एक आयोग बना कर इन सभी घोटालों की जांच करवाए ताकि असली दोषियों को पकड़ा जा सके।