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साइबर अपराधी फर्जी वीपीएन वेब साइट्स बनाकर लोगों को बना रहे हैं ठगी का शिकार;- एसएसपी शशांक*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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साइबर अपराधी फर्जी वीपीएन वेब साइट्स बनाकर लोगों को बना रहे हैं ठगी का शिकार;- एसएसपी शशांक*
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पानीपत (राजेश ओबराय);- पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एक ऐसी सेवा है जो उपयोगकर्ता के इंटरनेट कनेक्शन और गोपनीयता की ऑनलाइन सुरक्षा करती है । वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का बाजार पिछले 10 वर्षों में तेजी से बढ़ा है । क्योकि उपभोक्ता और व्यवसाय करने वाले लोग अपने डेटा की रक्षा करना चाहते हैं और अपनी गोपनीयता को सुरक्षित करना चाहते हैं जिसमे वीपीएन मददगार साबित होता है। उन्होने बताया बढ़ती हुई वीपीएन की लोकप्रियता का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधियों द्वारा नकली वीपीएन एप और सॉफ्टवेयर को विकसित कर लोगो को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है । साईबर अपराधी वीपीएन वितरित करने वाली वेबसाइट जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते है । साईट को विश्वसनीय दिखाने के लिए प्रामाणिक वीपीएन वेबपेजों/ऐप्स के समान दिखने वाले फ़ाइल आइकन का उपयोग करते है । साइबर अपराधियों द्वारा इन वेबसाइटों पर दुर्भावनापूर्ण लिंक संलग्न कर दिये जाते है । उपयोगकर्ता वीपीएन प्राप्त करने के लिए साइट पर जाते है तो वे कई बार वीपीएन वितरित करने वाली वेबसाइट की तरह दिखने वाली साईबर अपराधियों द्वारा विकसित की गई फर्जी वेबसाईट पर पहुंच जाते हैं । इसके पृष्ठ पर “डाउनलोड” का बटन होता यहां क्लीक करने से एक मेलिसियस वीपीएन सेटअप डाउनलोड हो जाता है । जिसका कार्य उपयोगकर्ता की महत्वपूर्ण जानकारीयो को नष्ट करना, चुराना व विंडोज डिफेंडर सुविधाओं और लॉग ऑडिट को अक्षम करना इत्यादि होता है । इसके माध्यम से साइबर अपराधी उपयोगकर्ताओ की गोपनीय जानकारी हासिल कर ठगी का शिकार बनाते है ।
कुछ सावधानियां —
. अज्ञात वेबसाइट से वीपीएन ऐप और सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते समय पूर्णत: जांच करे ।
डाउनलोड की गई फ़ाइलों के एक्सटेंशन की ठीक से जांच करें ।

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