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केंद्रीय मंत्रिमंडल में हरियाणा से एक मन्त्री की सँख्या कम होने का अर्थ, केंद्र में सीएम खट्टर की पकड़ हुई कमजोर?*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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केंद्रीय मंत्रिमंडल में हरियाणा से एक मन्त्री की सँख्या कम होने का अर्थ, केंद्र में सीएम खट्टर की पकड़ हुई कमजोर?*
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चंडीगड़ ;- कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में हरियाणा से केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया की छुट्टी हुई थी। प्रदेश के भाजपा नेताओं को विश्वास था कि रतनलाल कटारिया के स्थान पर हरियाणा से किसी न किसी सांसद को मंत्रिमंडल में स्थान जरूर मिलेगा। हुआ इसके विपरीत हरियाणा की जनता टीवी पर देखती रह गयी कि कब हरियाणा के सांसद का नाम मंत्रिपद के पुकारा जाएगा। मंत्रिमंडल में किसको रखना है और किस को बाहर निकालना है यह केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री का और राज्य में मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार होता है। परंतु जिस तरह केंद्र में या यह कहें कि एनडीए में 3 संसादों के पीछे एक मंत्री बनाया जाता है। अगर इस सिस्टम से मान ले तो हरियाणा में 10 सांसदों के पीछे तीन मंत्री बनना लाजमी होता है। मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले भी मंत्रिमंडल में हरियाणा से 3 ही मंत्री थे। अब क्या बात हुई जो एक कम हो गया। राजनीतिक विद्वानों का कहना है कि इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं या तो मोदी रतनलाल कटारिया की वर्किंग से खुश नही थे! या खट्टर रतनलाल कटारिया से अंदर खाते नाराज हो सकते हैं? ऐसा भी हो सकता है कि खट्टर ने रतनलाल कटारिया के स्थान पर किसी और सांसद को बनवाने की कोशिश ही न कि हो? अथवा मुख्यमंत्री खट्टर की मोदी सरकार पर पकड़ कमजोर हो गयी हो? कारण चाहे कुछ भी हरियाणा से 10 सांसदों की संख्या होने के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में हरियाणा से 3 मंत्रियों से घटकर सिर्फ 2 मन्त्री ही रह गए। यह हरियाणा प्रदेश की जनता के साथ ज्यादती से ज्यादती है।

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