नॉन-एचसीएस से आईएएस में चयन का 15 फरवरी को होने वाले इंटरव्यू अगले आदेशों तक स्थगित! जाने क्या है कारण*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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नॉन-एचसीएस से आईएएस में चयन का 15 फरवरी को होने वाले इंटरव्यू अगले आदेशों तक स्थगित! जाने क्या है कारण*
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चंडीगढ़;- हरियाणा में नॉन- एचसीएस (गैर राज्य सिविल सेवा) कोटे से आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा ) की 5 रिक्तियों भरने के लिए जारी प्रक्रिया में शार्टलिस्टिड किये गए उम्मीदवारों का इंटरव्यू (साक्षात्कार ) जो सोमवार 15 फरवरी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी ) में होना निर्धारित किया गया था, उसे आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है।
उक्त इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्टेड कुल 27 उम्मीदवारों में हालाकिं हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग से 11, पशुपालन और डेयरी विभाग से 8, स्वास्थ्य विभाग से 3, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग से 2, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और आबकारी एवं कराधान विभाग से एक -एक उम्मीदवार शामिल है।
बहरहाल, इस सम्बन्ध में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि आईएएस की 5 रिक्तियों के लिए नॉन-एचसीएस कोटे से चयन प्रक्रिया को सेलेक्ट लिस्ट 2019 तैयार कर किया जाना है अर्थात 1 जनवरी 2019 और 31 दिसंबर 2019 के दौरान हरियाणा में एचसीएस और नॉन-एचसीएस से प्रमोट/चयनित होकर आईएएस बने अधिकारियों की रिटायरमेंट से उत्पन्न हुई रिक्तियों को भरने के लिए। उन्होंने बताया कि हालांकि उक्त अवधि दौरान एचसीएस से प्रोमोट होकर आईएएस बनी सुनीता वर्मा और नॉन-एचसीएस से चयनित होकर आईएएस बने समीर पाल सरो अर्थात दो आईएएस अधिकारी ही रिटायर हुए थे परन्तु हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री के आदेश पर मार्च, 2020 में तीन और एचसीएस से आईएएस प्रमोशन की रिक्तियों को नॉन-एचसीएस में जो?कर कुल 5 रिक्तियों स्वीकृत करने के लिए केंद्र को लिखा जिसे मंजूरी मिल गयी।
हेमंत ने गत माह 15 जनवरी को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी ) में एक ऑनलाइन याचिका दायर कर वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2019 तक की हरियाणा प्रदेश के सम्बन्ध में एचसीएस और नॉन-एचसीएस कोटे से आईएएस में क्रमश: प्रमोशन एवं चयन करने संबधी सेलेक्ट लिस्टों (चयन सूचियों ) को बनाने के लिए हुई चयन समिति बैठकों की एवं ऐसी बनायीं गयी सेलेक्ट लिस्टों में शामिल किये गए सभी अधिकारियों (चयनित उम्मीदवारों ) के नाम और इसके साथ साथ उन सभी सेलेक्ट लिस्टों की वैलिडिटी (वैधता ) की जानकारी भी मांगी थी।
बीती 11 फरवरी को डीओपीटी के अंडर सेक्रेटरी एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी पंकज गंगवार ने उक्त आरटीआई के जवाब में लिखा कि जहाँ तक उपरोक्त सेलेक्ट लिस्टों के बनने के लिए हुई चयन समिति की बैठकों का एवं सेलेक्ट लिस्टो में शामिल किये गए सभी अधिकारियों (चयनित उम्मीदवारों ) के नामो का विषय है, तो यह यूपीएससी के दायरे में आता है। इसलिए उनकी आरटीआई याचिका यूपीएससी के सचिव को स्थानांतरित की जा रही है।
हालांकि जहाँ तक उक्त सेलेक्ट लिस्टों की वैधता का विषय है, तो इस सम्बन्ध में जवाब दिया गया है कि इनकी वैधता को आईएएस (प्रमोशन से नियुक्ति ) रेगुलेशंस, 1955 में उल्लेख किया गया है जिसका अध्ययन करने से पता चलता है की सेलेक्ट लिस्ट 2019 के सम्बन्ध में यह 31 दिसंबर 2020 तक ही थी।
हेमंत ने आगे बताया कि इस प्रकार सेलेक्ट लिस्ट 2019 के लिए सारी चयन कवायद 31 दिसंबर 2020 तक पूर्ण हो जानी चाहिए थी परन्तु प्राप्त जानकारी अनुसार बीती 31 दिसंबर को केवल सिलेक्शन कमेटी की बैठक ही हुई जिसमे एचपीएससी द्वारा शॉर्टलिस्टेड उम्मीदवारो (जिनमे सरकारी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं जो आज तक ग्रुप ए अधिकारी ही नहीं है ) का सेवा रिकॉर्ड/रिपोर्ट्स आदि का असेसमेंट किया गया हालांकि उस दिन इंटरव्यू नहीं हुआ। इस प्रकार 31 दिसंबर 2020 तक सेलेक्ट लिस्ट 2019 बनने की प्रक्रिया नहीं पूर्ण हो सकी जिसे वर्ष 2021 में जारी रखने पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं एवं यह कानूनी पॉइंट पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भी उठाया गया है एवं इसी कारण ही 15 फरवरी को होने वाले इंटरव्यू अगले आदेशों तक स्थगित कर दिए गए हैं।
बहरहाल, हेमंत ने यह भी बताया कि साक्षात्कार के लिए शार्टलिस्टिड 27 उम्मीदवारों में उच्चतर शिक्षा विभाग से सभी 11 -आदर्श सिंह पंजेटा, अजय कुमार मान, जैन्द्र सिंह छिल्लर, ममता गोयल, प्रदीप कुमार, रोहतास गोदारा, संदीप मान , विवेक भारती, रीना, मनीषा ओर हरी ओम हरियाणा के राजकीय कॉलेजों में कार्यरत असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर हैं। अक्टूबर, 2010 में तत्कालीन हुड्डा सरकार दौरान एक नोटिफिकेशन जारी कर राजकीय कॉलेज प्रोफेसरों को एचईएस-1 (हरियाणा एजुकेशन सर्विस -क्लास वन ) का दर्जा तो दिया गया था परन्तु उसमें यह भी स्पष्ट उल्लेख था कि वह कोई लाभ या सुविधाएं आदि क्लेम नहीं करेंगे। उसमें उनके सेवा नियमो में संशोधन करने का भी उल्लेख था परन्तु आज तक ऐसा नहीं किया गया है। इस प्रकार वास्तव में आज तक यह वर्ग आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार के ग्रुप ए अर्थात क्लास वन अधिकारी नहीं है जो नॉन-एचसीएस कोटे से आईएएस में चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आधारभूत योग्यता है। इसके बावजूद इस वर्ग से उम्मीदवारों को इस चयन प्रक्रिया में भी कैसे शामिल किया गया, यह देखने लायक है। इस सम्बन्ध में भी हेमंत द्वारा दायर एक आरटीआई यूपीएससी में बीती 10 फरवरी को दायर की गयी है।