अम्बालाकरनालकुरुक्षेत्रकैथलगुड़गाँवचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंजाबपानीपतभिवानीमहेंद्रगढ़यमुना नगरशिक्षासिरसासोनीपतस्वास्थ्यहरियाणाहिमाचल प्रदेशहिसार

हरियाणा सरकार से 2 आजाद विधायको के समर्थन वापसी के बाद डोलने लग सकता है खट्टर का सिहांसन?

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हरियाणा सरकार से 2 आजाद विधायको के समर्थन वापसी के बाद डोलने लग सकता है खट्टर का सिहांसन?
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ ;- किसान आंदोलन के शुरुआती दौर को जिस तरीके से हरियाणा की खट्टर सरकार ने हल्के में लिया था वही आंदोलन सरकार के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है।कहते हैं राजनीति में जितना झूठ बोलोगे उतने कामयाब होंगे। परन्तु अब जमाना बदल चुका है।जिस तरीके से सीएम खट्टर सहित सरकार के मंत्री व विधायक सभी किसान आंदोलन के लेकर कांग्रेस और पंजाब के सीएम अमरेंद्र पर दोष जड़ रहे थे कि यह किसान आंदोलन नही बल्कि कांग्रेसी किसान बनकर दिल्ली जाना चाह रहे हैं। परन्तु खट्टर सरकार की खुफिया एजेंसिया स्तिथि का आंकलन नही कर पाई। इसीलिए सरकार गच्चा खा गई। यह किसान आंदोलन ही था।जो यूपी, पंजाब व हरियाणा के किसानों का आंदोलन बन गया। इस आंदोलन ने खट्टर सरकार की नींद हराम कर दी है। वैसे तो आंकड़े के अनुसार भाजपा की खट्टर सरकार को कोई खतरा नही है। फिर भी जिस तरह एक के बाद दूसरे आजाद विधायक ने सरकार से समर्थन वापिस लिया है तो हो सकता है कि किसान आंदोलन के नाम पर कोई और आजाद विधायक खट्टर सरकार से समर्थन वापिस न ले ले? परन्तु एक बात सत्य नजर आ रही है की जेजेपी पार्टी खट्टर सरकार पर इतनी हावी हो जाएगी मानो जैसे नाम की खट्टर सरकर औऱ काम की दुष्यंत सरकार? भाजपा के 40, जेजेपी के 10 औऱ आजाद 5 विधायकों का समर्थन आज भी खट्टर सरकार के साथ है। यदि यह आंदोलन लम्बा चल गया तो कुछ जेजेपी औऱ आजाद विधायक भी किसानों को सहानुभूति दिखाने के लिए सरकार को दिन में तारे दिखा सकते हैं। कांग्रेस भी चुप नही बैठेगी! सरकार को हिलाने के लिए कांग्रेसी कमर कस के बैठे है। राजनीति के दावँ पेच के हिसाब से कह सकते है की जब भी पूर्व सीएम हुड्डा को मौका मिला तो आजाद विधायकों को सब्जबाग दिखाकर भाजपा सरकार की विकेट गिराने में सबसे बड़ा रोल अदा करेंगे?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!