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JNU Election Results 2025 में भगवा पड़ा फीका!/ बनारस की बेटी अदिति मिश्रा ने JNU पर लहराया परचम*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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JNU Election Results 2025 में भगवा पड़ा फीका!/ बनारस की बेटी अदिति मिश्रा ने JNU पर लहराया परचम*
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नई दिल्ली ;- जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन रिजल्ट्स आ गए हैं और एक बार फिर कैंपस ‘रेड’ हो गया. वोटिंग 4 नवंबर को हुई थी जिसमें 9,043 स्टूडेंट्स में से 67% ने वोट डाले. इस चुनाव में लेफ्ट यूनिटी के पैनल ने जीत हासिल की है.सभी चार बड़े पदों पर कब्जा कर लिया है। प्रेसिडेंट बनारस की अदिति मिश्रा बनीं हैं,जिन्होंने ABVP के विकास पटेल को 1,861 वोटों से मात दी।विकास को कुल 1,447 वोट मिले.वाइस प्रेसिडेंट के पद पर के.गोपिका बाबू और जनरल सेक्रेटरी के पद पर सुनील यादव की जीत हुई है। जॉइंट सेक्रेटरी दानिश अली बने हैं। इस जीत हार के बाद लोग जानना चाहते हैं कि आखिर जेएनयू की नई प्रेसिडेंट अदिति मिश्रा कौन हैं? बनारस की लड़की, जो हमेशा लड़ाई लड़ती आई*
अदिति मिश्रा उत्तर प्रदेश के बनारस यानी वाराणसी की रहने वाली हैं.यह वह जगह है जहां गंगा बहती है, लेकिन अदिति ने हमेशा इंसाफ की आवाज उठाई है। बिहार से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। वहां से ही उनका ‘फायर’ दिखने लगा. 2017 में BHU में लड़कियों के हॉस्टल कर्फ्यू के खिलाफ उन्होंने आंदोलन लीड किया। उन्‍होंने लड़कियों को रात 8 बजे के बाद बाहर न घूमने के खिलाफ आवाज बुलंद की। अदिति और उनके साथियों ने इतना हल्ला मचाया कि एडमिनिस्ट्रेशन को झुकना पड़ा और कर्फ्यू हट गया। ये उनकी पहली बड़ी जीत थी जो बताती है कि वो छोटे-छोटे मुद्दों पर भी स्टैंड लेती हैं।
*पुडुच्चेरी से जेएनयू तक: करती रही आंदोलन*
ग्रेजुएशन के बाद अदिति ने पुडुच्चेरी यूनिवर्सिटी में साउथ एशियन स्टडीज में मास्टर्स किया। 2018 में वहां वाइस चांसलर के दफ्तर का घेराव किया.मुद्दा था स्टूडेंट्स के राइट्स का. फिर 2019 में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ सडकों पर उतरीं, और सीएए-एनआरसी के विरोध में पूरे देशभर के प्रोटेस्ट्स में शामिल रहीं। आदिति कहती हैं कि ये आंदोलन मुझे सिखाते गए कि कैसे एकजुट होकर सिस्टम को चेंज किया जा सकता है।2020 में वो हाशिए पर रहने वाले स्टूडेंट्स जैसे दलित,आदिवासी या ट्रांसजेंडर के हक के लिए आवाज उठाती रहीं। आजकल वो जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में सेंटर फॉर कम्पैरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थ्योरी (CCPPT)से पीएचडी कर रही हैं. उनका रिसर्च टॉपिक है-उत्तर प्रदेश में 2012 से महिलाओं पर जेंडर्ड वायलेंस के खिलाफ रेसिस्टेंस मतलब वह किताबों में भी उसी फाइट को कंटिन्यू कर रही हैं जो स्ट्रीट पर लड़ती आई है।.

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