आईपीएस सुसाइड केस में बढ़ता हुआ विवाद! / रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया के समर्थन में उतरी खाप पंचायतें!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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आईपीएस सुसाइड केस में बढ़ता हुआ विवाद! / रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया के समर्थन में उतरी खाप पंचायतें!*
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चंडीगढ़/रोहतक ;- सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में विवाद काफी बढ़ गया है। आत्महत्या के पांच दिन बाद हरियाणा सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा दिया, जिससे खाप पंचायतें भड़क गई हैं।
मधुबन पुलिस अकादमी में तैनात आईपीएस सुरेंद्र सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी लगाया गया है। रोहतक में पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया के समर्थन में विभिन्न खापों के प्रतिनिधि व सामाजिक संगठनों के सदस्यों की पंचायत मानसरोवर पार्क में शाम को हुई, जिसमें खाप ने आईपीएस पूरन सिंह के निधन पर शोक जताया। साथ ही आईपीएस नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ हुई कार्रवाई का कड़ा विरोध किया।
रविवार को इस मुद्दे पर 11 बजे डीसी को ज्ञापन दिया जाएगा। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की असमय मृत्यु अफसोसजनक है। सभी की संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं और उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए लेकिन सरकार जातिवाद के चश्मे से इस मामले को ना देखे। सिर्फ नरेन्द्र बिजारणिया जैसे ईमानदार अधिकारी पर एकतरफा कार्रवाई करना ठीक नहीं है। मामले की उच्च स्तरीय जांच कर इंसाफ मिलना चाहिए। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि आईपीएस नरेंद्र बिजारणिया पर एकतरफा कार्रवाई करके सामाजिक ताने-बाने को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में दोषी बक्शे नहीं जाने चाहिए, लेकिन निर्दोष को ना फंसाया जाए। अहलावत खाप के प्रधान जयसिंह अहलावत ने कहा कि सभी लोग ईमानदार अधिकारी के लिए एकत्रित हुए है। जाति का जहर फैलाया जा रहा है, जो समाज के लिए घातक है। आईपीएस नरेंद्र बिजारणिया ने अच्छे काम व निष्पक्ष तरीके से किए हैं। अधिकारी हर जाति का होता है। हमें जाति में नहीं बंटना चाहिए। इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
पंचायत में इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि आईपीएस वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसी दबाव व राजनीतिक दबाव में काम नहीं होना चाहिए। कोई भी निर्दोष अधिकारी व कर्मचारी बलि का बकरा ना बनाया जाए। देशवाल ने कहा कि आईपीएस नरेंद्र बिजारणिया पर बिना किसी जांच के कार्रवाई की गई, उससे समाज में नाराजगी है। इस फैसले पर सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए।
*पांच दिन बाद बिजारणिया पर कार्रवाई*
आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के पांच दिन बाद प्रदेश सरकार ने एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा दिया है। दूसरी जगह पोस्टिंग भी नहीं दी है। छह अक्तूबर को रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में एडीजीपी वाई के पूरण के सुरक्षाकर्मी हवलदार सुशील के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। साथ ही अगले दिन अदालत में पेश कर जेल भेज दिया था। उसी दिन चंडीगढ़ में एडीजीपी वाई पूरण ने आत्महत्या कर ली थी।
वाई पूरन कुमार की आईएएस पत्नी ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर के अलावा एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया पर भी आरोप लगाए थे। चंडीगढ़ पुलिस एफआईआर तक दर्ज कर चुकी है। तभी से एसपी रोहतक पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही थी।

