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केन्द्र सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल / प्रवीण कुमार ITBP और प्रवीर रंजन CISF के DG नियुक्त*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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केन्द्र सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल / प्रवीण कुमार ITBP और प्रवीर रंजन CISF के DG नियुक्त*
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नई दिल्ली ;- IPS प्रवीण कुमार को आईटीबीपी का महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया है, जबकि IPS प्रवीर रंजन को सीआईएसएफ का महानिदेशक नियुक्त किया गया है।
*आईटीबीपी के नए कमान्डर*
प्रवीण कुमार 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में खुफिया ब्यूरो (आईबी) में विशेष निदेशक के पद पर तैनात हैं। उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का महानिदेशक बनाया गया है। यह नियुक्ति वेतन मैट्रिक्स के लेवल-16 पर होगी।
कब शुरू होगी जिम्मेदारी?
पदभार ग्रहण करने की तारीख से ही, जो मौजूदा महानिदेशक राहुल रसगोत्रा (1989 बैच) की सेवानिवृत्ति (30 सितंबर 2025) के बाद होगी। 30 सितंबर 2030 तक, यानी प्रवीण कुमार की रिटायरमेंट डेट तक, या फिर सरकार के अगले आदेश तक, जो भी पहले आए।
बता दें कि आईटीबीपी सीमा सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है, जो हिमालयी क्षेत्रों में चीन सीमा पर निगरानी रखती है। प्रवीण कुमार की यह नियुक्ति सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
*सीआईएसएफ में नया चेहरा*
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वहीं प्रवीर रंजन को सीआईएसएफ का महानिदेशक बनाया गया है। 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीर रंजन को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। वे फिलहाल सीआईएसएफ में ही विशेष महानिदेशक के पद पर काम कर रहे हैं। यह प्रमोशन भी वेतन मैट्रिक्स के लेवल-16 पर होगा।
प्रवीर वतर्मान महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी (1990 बैच) की रिटायरमेंट (30 सितंबर 2025) के बाद पदभार सम्भालेगे।
31 जुलाई 2029 तक, यानी प्रवीर रंजन की सेवानिवृत्ति तक, या अगले सरकारी आदेश तक, जो भी पहले हो।
सीआईएसएफ देश के औद्योगिक प्रतिष्ठानों, एयरपोर्ट्स और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। प्रवीर रंजन का अनुभव इस बल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मददगार साबित होगा।
ये नियुक्तियां सुरक्षा क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए हैं। मौजूदा महानिदेशकों की रिटायरमेंट के ठीक बाद नए चेहरे आना सुनिश्चित करेगा कि कोई रुकावट न हो। दोनों अधिकारी अपने लंबे अनुभव के साथ इन चुनौतीपूर्ण पदों पर खरे उतरेंगे।
गृह मंत्रालय ने इन आदेशों को औपचारिक रूप से जारी कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों में ऐसे परिवर्तन आमतौर पर रिटायरमेंट के आधार पर होते रहते हैं, लेकिन ये फैसले देश की आंतरिक और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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