तीन दिन की बारिश ने चंडीगढ़ प्रशासन की बढ़ाई मुसीबत / चंडीगढ़ में सड़कों और पुलों की खस्ता हालत होने से निगम-प्रशासन को लगा करोड़ों का फटका*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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तीन दिन की बारिश ने चंडीगढ़ प्रशासन की बढ़ाई मुसीबत / चंडीगढ़ में सड़कों और पुलों की खस्ता हालत होने से निगम-प्रशासन को लगा करोड़ों का फटका*
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चंडीगढ़ ;- तीन दिनों की बारिश ने चंडीगढ़ में भारी तबाही मचाई है। इससे यूटी प्रशासन, नगर निगम, वन समेत कई विभागों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों, पुलों और स्ट्रीट लाइट्स को पहुंचा है। इससे शहरवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बारिश के कारण शहर की सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नगर निगम के अनुसार, सड़कों की मरम्मत और पैचवर्क पर एक करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आने का अनुमान है। मध्य मार्ग, हिमालय मार्ग, धनास, मनीमाजरा, मौलीजागरां और कई सेक्टरों की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा नुकसान किशनगढ़ और बापूधाम पुलों को हुआ है। संरचना कमजोर हो गई है।
सुखना लेक के फ्लड गेट खुलने से इन पुलों पर मलबा जमा हो गया था। उन्हें फिलहाल बंद कर दिया गया है। इनकी मरम्मत पर कम से कम एक हफ्ता लग सकता है। इन दोनों पुलों की मरम्मत पर लगभग 20 लाख रुपये का खर्च आ सकता है। हालांकि, विभागीय इंजीनियर इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।
बारिश ने शहर की स्ट्रीट लाइटिंग व्यवस्था को भी प्रभावित किया है। सेक्टर-27, 30, 37 और 46 सहित कई इलाकों में सैकड़ों स्ट्रीट लाइट्स खराब हो गई हैं। पार्षदों का कहना है कि शायद ही कोई ऐसा वार्ड बचा हो जहां बारिश ने स्ट्रीट लाइट्स को नुकसान न पहुंचाया हो। एक स्ट्रीट लाइट को ठीक करने में 2,500 से 3,000 रुपये का खर्च आता है। चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने बताया कि सड़क से लेकर सीवर लाइन तक को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने तत्काल राहत कार्यों के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को परेशानी न हो। प्रशासन के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा ने बताया कि बह गए पुलों की जालियों को ढूंढा जा रहा है और जल्द ही सभी मरम्मत कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। फिलहाल, प्रशासन और नगर निगम नुकसान का आकलन कर रहे हैं और पुलों की मरम्मत और बहाली के काम शुरू कर दिया गया है।

