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पंजाब विधानसभा में BBMB से CISF हटाने को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जबरदस्त बहस / प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित, पशु क्रूरता पर भी बिल पास*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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पंजाब विधानसभा में BBMB से CISF हटाने को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जबरदस्त बहस / प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित, पशु क्रूरता पर भी बिल पास*
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चंडीगढ़ ;- पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन के दूसरे दिन कई प्रस्तावों को सर्वसम्मति के साथ पारित किया गया है। सरकार ने डैमों की सुरक्षा से CISF को हटाने संबंधी 5 बिल पेश किए गए है। बीबीएमबी से सीआईएसएफ हटाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। वहीं, धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर महत्वपूर्ण बिल कर ड्रॉफ्ट सरकार द्वारा पेश किया गया है। इसी के साथ विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह सिंधवां ने जानकारी दी कि सत्र का समय बढ़ा कर 15 जुलाई कर दिया गया है।
*बीबीएमबी से सीआईएसएफ हटाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित*
बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) में सीआईएसएफ की तैनाती न करने संबंधी प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया। अब इस मुद्दे को लेकर पंजाब सरकार केंद्र सरकार के समक्ष मामला उठाएगी और मांग करेगी कि सीआईएसएफ की तैनाती का फैसला वापस लिया जाए। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में कहा कि पंजाब पुलिस पूरी तरह काबिल और सक्षम है, जो डैमों की सुरक्षा भी खुद कर सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सीआईएसएफ की तैनाती हटाने संबंधी प्रस्ताव पास किया जाना चाहिए।
बाजवा जी चेयर पर स्प्रिंग लगी है, आप एकदम खड़े हो जाते हैं
विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम मान ने कहा, “हम जितना समय है, इस तरह आपको तंग करेंगे। लोगों से वोट डालकर हटवा दो। दिल्ली में हमारी सरकार दस साल रही है, वहां पर इनकी जीरो है। न्यू दिल्ली में ही इनके नेताओं के बड़े-बड़े घर हैं, लेकिन अब वहां के माली भी इन्हें वोट नहीं डालते। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, अखबारों में बॉक्स लगवाते हैं, जनाब 60 साल आपको सुना है, अब हमें भी सुन लो।” नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा आपको पूरा टाइम मिलेगा। चेयर पर स्प्रिंग लगी है, एकदम खड़े हो जाते हैं। हमें मेटेरियल कहते हैं और फिर कहते हैं टेक्निकल प्रॉब्लम है।”
*पशु क्रूरता संशोधन बिल पास*
विधानसभा में पशु क्रूरता संशोधन बिल सर्वसम्मति से पास किया गया है। पक्ष विपक्ष के नेताओं के साथ हुई बातचीत के बाद ये बिल पास हुआ। सीएम ने विधानसभा में पशु क्रूरता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान संत राम उदासी की रचना की कुछ पंक्तियां पढ़कर सुनाईं और कहा कि लोग तोते, कबूतर और कुत्ते पालते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों में तो इन जानवरों के सबसे महंगे ऑपरेशन तक कराए जाते हैं। सीएम ने बताया कि पंजाब में गडवासू जैसी संस्थाएं मौजूद हैं और इस बिल के पारित होने से पूरे पंजाब में बैलों के खेल आसानी से आयोजित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उनके अपने गांव में भी ऐसा टूर्नामेंट होता है और लुधियाना, कपूरथला और तरनतारन सहित कई जिलों में ये पारंपरिक खेल आज भी खेले जाते हैं। गांवों की इन पारंपरिक खेलों को हमारी विरासत बताते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें संरक्षित रखना चाहिए। वहीं, आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है, जब कुत्ते बच्चों और बुजुर्गों को घेर लेते हैं तो बहुत दुख होता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम भगवंत मान ने पशु क्रूरता संशोधन विधेयक पर बोलते हुए कहा कि पहली बार बेजुबानों के हक में आवाज उठाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सर बैलों की जोड़ी हमारे लिए खास महत्व रखती है, हमारे गुरु साहब ने भी करतारपुर साहिब में 16 साल तक बैलों से खेती की थी। सीएम ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उनके एक दोस्त ने उनसे कहा कि वह जानवरों को अपने बेटों की तरह पालते हैं। सीएम ने तमिलनाडु की जल्लीकट्टू और पंजाब की बैलों की दौड़ की तुलना करते हुए कहा कि दोनों एक जैसी परंपराएं हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस विधेयक में एक अहम शर्त रखी गई है कि दौड़ के दौरान पशुओं को डंडा या किसी और चीज़ से मारा नहीं जाएगा, केवल हाथ से थपथपा कर उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा।
*पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान संशोधन विधेयक 2025 बिल पारित*
पंजाब विधानसभा में पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान संशोधन विधेयक 2025 और पंजाब श्रम कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2025 को पारित कर दिया गया है। दोनों विधेयक सर्वसम्मति से पास हुए, जिनका उद्देश्य श्रमिकों और व्यापारियों के हितों को बेहतर ढंग से सुरक्षित करना और कार्यप्रणाली को और अधिक सुविधाजनक बनाना है।
सीएम मान ने कहा- जिनके खेतों में नहरे खत्म हो। जिनके नलों की टूटियां सोने की हो। उन्हें पानी के महत्व का क्या पता है। बाते चंद्रयान की करते है लेकिन सीवरेज के ढक्कन पूरे नहीं हो रहे है। विश्व गुरु बनने की बातें करते है। लेकिन वह बुलाते नहीं है। दिलजीत की फिल्म की शूटिंग पहलगाम आतंकी हमले से पहले हुई थी। उसमें पाकिस्तान कलाकार था, अब फिल्म नहीं लगने दे रहे है। कभी सरदार तो कभी गद्दार कहते हों। जबकि पीएम साहब खुद बिरयानी खाने पाकिस्तान चले जाते है।

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