आज चंडीगढ़ नगर निगम की होने वाली बैठक में विपक्ष जलभराव तथा टूटी सड़कों जैसे मुद्दों पर कर सकता है हंगामा!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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आज चंडीगढ़ नगर निगम की होने वाली बैठक में विपक्ष जलभराव तथा टूटी सड़कों जैसे मुद्दों पर कर सकता है हंगामा!*
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चंडीगढ़ ;- नगर निगम की आज बैठक होगी। आज फिर विपक्ष के हंगामे के आसार हैं। बारिश के बाद जलभराव, सड़कों की खराब स्थिति और वित्तीय बजट न आने पर कांग्रेस और आप के पार्षद हंगामा कर सकते हैं। इसके अलावा सामुदायिक केंद्र के रेट बढ़ाने का एजेंडा फिर से सदन में रखा जा रहा है। ऐसे में इसका भी विरोध हो सकता है। एक साल बाद चुनाव हैं। ऐसे में कोई भी पार्षद जनता के बीच महंगाई के मुद्दे पर नहीं जाना चाहता है। सदन की बैठक पहले 27 जून को होनी थी, लेकिन उसकी तारीख में परिवर्तन कर 30 जून कर दिया गया। प्रस्ताव आ रहा है कि 24 हजार रुपये में बुक होने वाले सामुदायिक केंद्रों के लिए अब 60 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। यह प्रस्ताव पिछले सदन की बैठक में लाया गया था, लेकिन पास नहीं हो पाया। ऐसे में इसे दोबारा सदन में रखा जा रहा है। उम्मीद है कि पार्षद अगर इसको खारिज करते हैं तो नगर आयुक्त रेट बढ़ाने का प्रस्ताव सीधे प्रशासक को भेज सकते है। संपत्ति कर बढ़ाने के प्रस्ताव के दौरान ऐसा देखा गया था। सामुदायिक केंद्र को ए, बी और सी तीन श्रेणी में रखा है। इसमें ए कैटेगरी के ज्यादातर सामुदायिक केंद्र के रेट 60 हजार, बी के 30 और 40 हजार रुपये और सी कैटेगरी के 30 और 20 हजार रुपये करने की तैयारी है। यहां तक कि जो सामुदायिक केंद्र 5000 रुपये में बुक होते थे, उनके लिए अब 20 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे।।नगर निगम ने शहर में 75 स्थानों पर यूनीपोल लगाकर आय बढ़ाने का एजेंडा भी तैयार किया है। यूनीपोल से आय बढ़ाने का प्रस्ताव डिप्टी मेयर तरुणा मेहता ने दिया था। आय बढ़ाने के लिए नगर निगम में स्पेशल बैठक हुई थी, उसमें यह प्रस्ताव आया था। सदन के अंदर भी यह बात रखी गई थी। इसके बाद इसके लिए डेटा तैयार किया जा रहा था। अब शहर के तीन जोन को मिलाकर सूची तैयार की गई है। एक-एक जोन में 25 स्थान चिह्नित हुए हैं। कर्मचारियों के लिए सफाई के टेंडर पर हो सकता विवाद
सेक्टर-31 से 56 और सेक्टर 61, 63 की सफाई का टेंडर निकालने का प्रस्ताव भी सदन में रखा जाएगा। पिछली बार सदन में यह एजेंडा आया था, लेकिन उस समय इसे पास नहीं किया गया। हालांकि इस पर चर्चा करते हुए नगर आयुक्त ने कहा था कि इस बार कम बटम में बेहतर टेंडर कर रहे हैं। इसमें कम लागत में ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी, लेकिन पार्षदों का सवाल था कि अगर कोई नई कंपनी आती है तो पुराने सफाई कर्मचारियों की नौकरी नहीं जानी चाहिए। इस बात को अनुबंध में रखा जाए। पार्षदों का कहना है कि जिस सेक्टर में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, दूसरी कंपनी के आने के बाद सफाई कर्मचारी के तौर पर उनको ही रखा जाए। सदन में इस मुद्दे पर एक बार फिर से बहस हो सकती है।

