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शिक्षा मंत्री ढांडा के प्रयासों से HAU के छात्रों की हरियाणा सरकार से आठ मांगों पर बनी सहमति*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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शिक्षा मंत्री ढांडा के प्रयासों से HAU के छात्रों की हरियाणा सरकार से आठ मांगों पर बनी सहमति*
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हिसार ;- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों की सरकार की ओर से बनाई कमेटी के साथ मांगों को लेकर सहमति बनी है। जिसके बाद छात्रों ने मीडिया के समक्ष आकर बताया कि उन्होंने धरना खत्म करने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से उन्हें अपनी मांगों पर सकारात्मक रिजल्ट मिलेंगे तो वह धरना स्थल खाली कर देंगे। छात्रों ने बताया कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कुलपति को छह महीने की छुट्टी पर भेजने, रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से जांच कराने पर सहमति दी है और अन्य मांगों को पूरी तरह से मानने का भरोसा दिया है।
शिक्षा मंत्री से हुई बातचीत
एचएयू में गेट नंबर चार पर बीते 15 दिन से धरना दे रहे छात्रों के साथ शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने बुधवार को फोन पर वार्ता की। छात्रों की ओर से सकारात्मक जवाब मिलने पर एसडीएम ज्योति मित्तल ने उन्हें पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आमंत्रित किया। एचएयू के छात्रों ने बताया कि शिक्षा मंत्री के साथ उनकी वार्ता में सभी आठ मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने कुलपति प्रो. बीआर कांबोज को छह महीने छुट्टी पर भेजने पर सहमति दी है। साथ ही रिटायर्ड जज वाली तीन सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच करेगी। छात्रों ने बताया कि हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही हमारी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाएगी। जब हमें सकारात्मक रूझान दिखेंगे तो हम धरना समाप्त करेंगे। इन मांगों पर बनी सहमति

1 एचएयू कुलपति को छह महीने की छुट्टी पर भेजा जाएगा। रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी जांच करेगी।

2 रजिस्ट्रार, डीएसडब्ल्यू, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर को निलंबित किया जाएगा। इन लोगों को प्रशासनिक पदों से भी हटाया जाएगा।

3 डीएन पीजी डॉ. केडी शर्मा, कपिल अरोड़ा, डॉ.अतुल ढींगड़ा, डॉ. दलीप बिश्नोई को हटाया जाएगा।

4 चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर सुखबीर सिंह को सेवानिवृत्ति तक एचएयू मुख्य कैंपस से बाहर तैनात रखा जाएगा।

5 जिस प्रतिशत में विद्यार्थियों की फीस बढ़ेगी उसी हिसाब से स्कॉलरशिप बढ़ाई जाएगी।

6 यूनिवर्सिटी के 93वें संशोधन को रद्द किया जाएगा ।

7 जेआरएफ तथा प्रवेश परीक्षा से दाखिला लेने वालों की फीस समान होगी।

8 आंदोलन में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों पर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।

9 विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिषद में दो छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो विद्यार्थियों की ओर से ही चुने जाएंगे।

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