गवर्नर ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट बेचने के मामले में तलब की रिपोर्ट / यूनिवर्सिटी की मान्यता हो सकती है रद्द*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज
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गवर्नर ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट बेचने के मामले में तलब की रिपोर्ट / यूनिवर्सिटी की मान्यता हो सकती है रद्द*
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हापुड़ ;- मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री-मार्कशीट की बिक्री करने का मामला अब लगातार गंभीर हाेता जा रहा है। डीएम द्वारा यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द करने के मामले में शासन स्तर पर संज्ञान लिया गया है।
अब इस मामले में पत्रावली राज्यपाल ने तलब की है। राजभवन से यूनिवर्सिटी के संचालन संबंधी रिपोर्ट मांगी गई है। यूनिवर्सिटी में एसटीएफ ने फर्जी डिग्री-मार्कशीट बनाकर बेचने का बड़ा धंधा पकड़ा था। उसके चलते डीएम और एसपी ने यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द करने की रिपोर्ट शासन को भेजी थी। उसके आधार पर उच्च शिक्षा विभाग मामले की जांच कर रहा है। इसी बीच राजभवन से पूरे मामले की पत्रावली तलब कर ली है।
निजी यूनिवर्सिटी की मान्यता दो स्तर पर प्रदान की जाती है। सबसे पहले यूनिवर्सिटी के संचालन की मान्यता विधानसभा से स्वीकृत होने के बाद राजभवन को भेजी जाती है। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही इसका संचालन आरंभ हो पाता है।एक्सपर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी की मान्यता राज्यपाल से मिलने के पांच साल बाद यूजीसी ने स्वीकृति करानी होती है। यूजीसी द्वारा यूनिवर्सिटी के मानकों का पालन कराने का निरीक्षण किया जाता है। यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े के मामले में एसटीएफ की ओर से एक रिपोर्ट पिलखुवा थाने में दर्ज कराई गई है। उस रिपोर्ट की जांच भी एसटीएफ ही कर रही है।
इसके साथ ही डीएम द्वारा शासन को लिखे गए पत्र पर भी कार्रवाई आरंभ हो गई है। डीएम अभिषेक पांडेय ने 19 मई को शासन के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा था। फर्जीवाड़े के चलते मोनाड की मान्यता और पंजीकरण रद्द करने का आग्रह किया गया था।
डीएम के पत्र के बाद शासन स्तर से जांच टीम का गठन किया गया था। इस मामले में पांच सदस्यीय टीम ने यूनिवर्सिटी की पत्रावली की जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी।यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार उनके यहां पर राजभवन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जाता रहा है। उनकी मान्यता भी राज्यपाल से है। ऐसे में यह राजभवन के प्रति उत्तरदायी हैं। अब राजभवन से यूनिवर्सिटी की पत्रावली को तलब किया गया है।
इस मामले में जिलाधिकारी और एसटीएफ के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग की टीम द्वारा भी महत्वपूर्ण फाइल शासन को उपलब्ध कराई गई हैं। अब उनको राजभवन में मंगवा लिया गया है। राजभवन की एक्सपर्ट टीम मोनार्ड मामले की जांच करेगी।

