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*एक दूसरे पर पुलिस में FIR दर्ज करवाने वाले 2 वरिष्ठ IAS अफसरों में हुआ समझौता / विवाद खत्म तो दोनों पर दर्ज FIR भी रद्द!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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*एक दूसरे पर पुलिस में FIR दर्ज करवाने वाले 2 वरिष्ठ IAS अफसरों में हुआ समझौता / विवाद खत्म तो दोनों पर दर्ज FIR भी रद्द!*
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चंडीगढ़ (रमेश गोयत) ;- हरियाणा की नौकरशाही में लंबे समय से चर्चा में रहे दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों, अशोक खेमका और संजीव वर्मा, के बीच का विवाद आखिरकार शांतिपूर्वक समाप्त हो गया है। प्राप्त सूत्रों से जानकारी के अनुसार दोनों अफसरों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया गया है, जिससे यह मामला कानूनी और प्रशासनिक रूप से समाप्त मान लिया गया है। यह विवाद बीते कुछ वर्षों से सुर्खियों में रहा, जहां दोनों अधिकारियों के बीच आपसी टकराव ने कई बार शासन और प्रशासन में असहज स्थितियां उत्पन्न कर दी थीं। दोनों पर आरोप-प्रत्यारोप और विभागीय शिकायतों के चलते दो एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिनमें अब समझौते के बाद कानूनी कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया है।
30 अप्रैल 2025 को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के सेवानिवृत्त होने के बाद यह मामला निर्णायक मोड़ पर पहुंचा। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद ही दोनों पक्षों के बीच सुलह की प्रक्रिया तेज हुई और प्रशासनिक स्तर पर मामले को शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया।
अशोक खेमका हरियाणा कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं, जिनकी छवि एक ईमानदार और बेखौफ अधिकारी की रही है। वे अपने करियर में अब तक 50 से अधिक तबादलों के लिए जाने जाते हैं और कई बार उन्होंने बड़े घोटालों और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जिससे वे विवादों के केंद्र में भी रहे।
*क्या था विवाद का कारण?*
संजीव वर्मा और खेमका के बीच कई प्रशासनिक फैसलों और व्यक्तिगत आरोपों को लेकर मतभेद सामने आए थे। इन आरोपों और जवाबी आरोपों ने जब कानूनी रूप ले लिया, तब दोनों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, पूरी प्रक्रिया में कई वरिष्ठ अधिकारियों और राज्य सरकार ने मध्यस्थता कर दोनों पक्षों को समझौते की ओर लाने का प्रयास किया। इस विवाद के समाप्त होने के बाद हरियाणा सरकार और प्रशासनिक अमले में भी राहत की भावना है। अधिकारियों का मानना है कि वरिष्ठ स्तर पर ऐसे विवादों का शांतिपूर्वक निपटना प्रशासन की गरिमा और स्थिरता के लिए आवश्यक होता है। अब जबकि अशोक खेमका अपने 34 वर्षों के प्रशासनिक जीवन के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं, और संजीव वर्मा भी सेवा में रहते हुए नए दायित्वों की ओर बढ़ रहे हैं, उम्मीद की जा रही है कि यह अध्याय हमेशा के लिए समाप्त हो

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