केन्द्र सरकार का बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को निर्देश / IIM रोहतक के चीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड करें अथवा छुट्टी पर भेजें*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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केन्द्र सरकार का बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को निर्देश / IIM रोहतक के चीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड करें अथवा छुट्टी पर भेजें*
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चंडीगढ़ :- मीडिया रिपोर्टस के अनुसार केंद्र सरकार ने वित्तीय गड़बड़ियों से घिरे आईआईएम रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा को निलंबित करने या फिर उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजने का निर्देश दिया है। यह निर्देश अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू के 5 मार्च के आदेश के बाद आया है, जिसमें शर्मा के कार्यकाल की जांच शुरू की गई थी। जांच तीन महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए। प्रारंभिक जांच में कई उल्लंघनों की पहचान की गई, जिसमें वित्तीय रिकॉर्ड में हेराफेरी करना भी शामिल है, जिसका कथित तौर पर 2018-19 से प्रत्येक वर्ष शर्मा को 1 करोड़ रुपये से अधिक परिवर्तनीय वेतन देने को उचित ठहराने के लिए उपयोग किया गया था।
राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि शर्मा के शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र उनके पहले कार्यकाल (2017-2022) के दौरान बार-बार मांगे गए, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच में आईआईएम रोहतक में भर्ती अन्य स्टाफ सदस्यों की साख की भी जांच की जाएगी। राष्ट्रपति के कड़े रुख के बाद केंद्र ने गुरुवार को आईआईएम-रोहतक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को निर्देश दिया कि वे निदेशक धीरज शर्मा को या तो निलंबित करें या संस्थान में कथित वित्तीय गड़बड़ी की जांच का समाधान होने तक उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दें। शर्मा को अगले आदेश तक आईआईएम परिसर और उसके किराये के परिसर से दूर रहने का भी आदेश दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आईआईएम रोहतक के बोर्ड के अध्यक्ष जय देव श्रॉफ को संस्थान के वित्तीय लेन-देन से असंबद्ध एक संकाय सदस्य को अंतरिम प्रमुख नियुक्त करने का निर्देश दिया। मंत्रालय ने आईआईएम नियम 2018 के उल्लंघन का हवाला देते हुए बोर्ड से नीरज कंसल को बोर्ड सदस्य के रूप में फिर से नामित करने के प्रस्ताव को रद्द करने को भी कहा। अनुचित खरीद प्रथाओं और मोबाइल फोन एवं प्रलोभनों के अनधिकृत वितरण सहित अन्य उल्लंघनों का भी हवाला दिया गया।