केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने चंडीगढ़ पुलिस के DSP उदय पाल सिंह और उनकी टीम पर की एफआईआर दर्ज करने की मांग*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने चंडीगढ़ पुलिस के DSP उदय पाल सिंह और उनकी टीम पर की एफआईआर दर्ज करने की मांग*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ (रमेश गोयत) ;- रेल मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने चंडीगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए डीजीपी को शिकायत पत्र भेजा है। उन्होंने डीएसपी उदय पाल सिंह और उनकी टीम पर मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
शिकायत के अनुसार, 19 फरवरी को केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से मिलने गए थे, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार और शारीरिक हमला किया। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी जानते थे कि वे एक केंद्रीय मंत्री हैं, इसके बावजूद उनसे गलत व्यवहार किया गया।
*पुलिस की कार्रवाई जायज थी या नहीं?*
मंत्री रवनीत बिट्टू ने डीएसपी उदय पाल सिंह और उनकी टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। हालांकि, पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीएसपी और उनकी टीम सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रही थी। भले ही मंत्री को जेड-प्लस सिक्योरिटी मिली हो, लेकिन किसी भी व्यक्ति को बिना अपॉइंटमेंट के मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं होती।
चूंकि मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय दोनों ही चंडीगढ़ में स्थित हैं और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी यूटी पुलिस की है, ऐसे में मंत्री को रोकना पुलिस का कर्तव्य था। यदि कोई व्यक्ति, चाहे वह मंत्री ही क्यों न हो, सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करता है, तो पुलिस को हल्का बल प्रयोग करने और स्थिति को नियंत्रित करने का अधिकार है।
*मंत्री की कार रोकी गई, सुरक्षा उल्लंघन का आरोप*
मंत्री बिट्टू ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जब वे मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे, तब डीएसपी उदय पाल सिंह और उनकी टीम ने उनकी कार को रोक लिया और उनके काफिले का रास्ता जाम कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जेड-प्लस सुरक्षा को भंग करने की कोशिश की गई, जिससे उनकी सुरक्षा टीम सतर्क हो गई और पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की हो गई।
*बिना मुलाकात किए लौटे केंद्रीय मंत्री*
रवनीत सिंह बिट्टू वीरवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पर पहुंचे, लेकिन उन्हें बिना मुलाकात किए ही लौटना पड़ा।
बिट्टू ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने पिछले 10 दिनों में तीन बार मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने का प्रयास किया, लेकिन हर बार उनकी अनदेखी की गई। उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी कई बार मुख्यमंत्री से मिलने का अनुरोध किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
बिट्टू ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, जो खुद को पंजाब और पंजाबियों का नेता बताते हैं, उनसे मिलने तक को तैयार नहीं हैं।
*चंडीगढ़ पुलिस का पक्ष*
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिट्टू के पास मुख्यमंत्री से मिलने की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी, इसलिए उनके काफिले को रोका गया। पुलिस ने उनकी पायलट गाड़ी के ड्राइवर को जबरन उतारने की कोशिश की, जिसके बाद बिट्टू स्वयं गाड़ी से उतरे और पुलिस अधिकारियों से तीखी बहस हुई।
*क्या होगा अगला कदम?*
अब यह देखना होगा कि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में क्या रुख अपनाती है। क्या डीएसपी उदय पाल सिंह और उनकी टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, या यह मामला केवल राजनीतिक बहस बनकर रह जाएगा?