Tuesday, January 21, 2025
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चंडीगढ़ में सरकारी वाहन ही उड़ा रहे हैं मोटर व्हीकल एक्ट की धज्जियाँ / बीमा, आरसी और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना सड़कों पर दौड़ रहे कंडम सरकारी वाहन*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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चंडीगढ़ में सरकारी वाहन ही उड़ा रहे हैं मोटर व्हीकल एक्ट की धज्जियाँ / बीमा, आरसी और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना सड़कों पर दौड़ रहे कंडम सरकारी वाहन*
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चंडीगढ़ ;- बीयूटीफुल चंडीगड़ की सड़कों पर कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए घूम रहे हैं सरकारी वाहन! लेकिन चंडीगड़ की मुस्तेद पुलिस मूकदर्शक होकर यह सब देख रही हैं। सरकार की हिदायत के अनुसार कंडम वाहन न केवल जनता की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि प्रदूषण फैलाने में सबसे ज्यादा कारगर साबित होते हैं। साथ ही साथ यह प्रशासन की जिम्मेदारी और मोटर व्हीकल एक्ट का खुला उल्लंघन भी कर रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस, प्रशासन और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सरकारी विभागों के ये कंडम वाहन बिना बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और वैध आरसी के धड़ल्ले से चल रहे है।
शहर के इंजीनियरिंग विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सरकारी विभागों में अधिकारी ऐसे वाहन चला रहे हैं, जो सरकारी रिकॉर्ड में कंडम घोषित हो चुके हैं। ये वाहन न केवल पुरानी तकनीक और खराब स्थिति में हैं, बल्कि इनमें बीमा और वैध पंजीकरण जैसे मूलभूत दस्तावेज भी नहीं हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत, बिना बीमा और आरसी के वाहन चलाना कानूनी अपराध भी है।
सरकार द्वारा आम जनता के वाहनों पर सख्ती से नियम लागू किए जाते हैं, लेकिन प्रशासन अपने वाहनों पर इन नियमों को लागू करवाने में असफल होता दिखाई दे रहा है। और बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के इन वाहनों का उपयोग से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा रहा है।
प्रशासनिक विभागों के ये वाहन सड़क पर दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। पुराने इंजन, घिसे टायर और खराब ब्रेकिंग सिस्टम से लैस ये वाहन तकनीकी तौर पर चलने के लायक नहीं हैं।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में इन वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीसीटीवी की निगरानी के बावजूद इन वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सभी सरकारी विभागों के कंडम वाहनों को तुरंत सेवामुक्त कर सार्वजनिक नीलामी में भेजना विभाग की जिम्मेदारी बनती हैं।
प्रशासनिक विभागों को जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सभी वाहनों की बीमा और फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच की जाए। यूटी प्रशासन के लिए यह जरूरी है कि वह चंडीगड़ की जनता की सुरक्षा की खातिर सरकारी दफ्तरों में नियमों का कड़ाई से पालन करवाए। क्योंकि नियम सरकारी तथा गैर सरकारी सभी पर समान रूप से लागू होते है । यदि यूटी प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो समस्याबड़ी त्रासदी का रूप धारण कर सकती है।
(साभार; वरिष्ठ पत्रकार रमेश गोयत)

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