दिल्ली में गठबंधन के विरोध में इस्तीफों के बीच कांग्रेस और AAP ने दिया संदेश, कहा हम एक है*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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दिल्ली में गठबंधन के विरोध में इस्तीफों के बीच कांग्रेस और AAP ने दिया संदेश, कहा हम एक है*
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नई दिल्ली :- गत दिवस अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन को लेकर दिल्ली कांग्रेस (Delhi Congress) के नेताओं की आपत्तियां दूर हो गई हैं. दोनों पार्टियों ने अपने “संयुक्त चुनाव अभियान” की समीक्षा के लिए बैठक की. सूत्रों ने कहा कि बैठक में दोनों पार्टियों की दिल्ली और हरियाणा इकाइयों के नेता मौजूद थे. यह बैठक अरविंदर सिंह लवली द्वारा गठबंधन पर विरोध दर्ज कराते हुए कांग्रेस की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद हुई। दिल्ली कांग्रेस के दो अन्य नेताओं ने भी गठबंधन को “बड़ी शर्मिंदगी” बताते हुए पार्टी छोड़ दी है।
दिल्ली में इंडिया अलायंस कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक मंगलवार को हुई. इसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने साझा चुनाव प्रचार करने पर चर्चा की. इस बैठक में दोनों ही पार्टियों के दिल्ली और हरियाणा के नेता मौजूद थे। बैठक में आम आदमी पार्टी की तरफ से संगठन महासचिव संदीप पाठक, पार्टी के विधायक, पीएसी (PAC) सदस्य दुर्गेश पाठक और दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता शामिल हुए। कांग्रेस की ओर से बैठक में दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, दिल्ली कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव समेत दिल्ली और हरियाणा कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे.
बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संदीप पाठक ने अपने बयान में कहा कि, “दोनों पार्टियां एकजुट हैं. हमने निचले स्तर पर चुनाव प्रचार कोआर्डिनेशन को शुरू करने के लिए बैठक की. हमने एक-दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की. हमने एक सिस्टम बनाया है, जिसमें हम एक-दूसरे के लिए चुनाव प्रचार करने में सहयोग करेंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इसे पहले लोकसभा स्तर पर लागू करेंगे, उसके बाद विधानसभा स्तर पर कोआर्डिनेशन किया जाएगा.”
संदीप पाठक ने कहा कि, आम आदमी पार्टी ने कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी एमसीडी प्रभारी और विधायक दुर्गेश पाठक को सौंपी है. दुर्गेश पाठक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कोआर्डिनेशन का काम करेंगे. हमने निचले स्तर पर चुनाव प्रचार कोऑर्डिनेशन को शुरू करने के लिए बैठक की. हमने एक दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की.
उन्होंने कहा कि आज देश के सामने सबसे बड़ा सवाल देश के प्रजातंत्र को बचाना है. केंद्र सरकार एक-एक करके सरकारी संस्थाओं को खत्म कर रही है. सारी एजेंसियां केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रही हैं. हमें एक दूसरे का सहयोग करने की जरूरत है. इसीलिए दोनों पार्टियां तैयार हैं और एकजुट हैं. हम लोगों के बीच काफी सकारात्मक चर्चा हुई. हमारे बीच में पहले से ही कोआर्डिनेशन चल रहा है, अब इसको आगे किस तरीके से लेकर जाया जा सकता है इस पर बातचीत हुई. लोकसभा चुनाव में इस बार इंडिया गठबंधन की जीत होगी और बीजेपी की हार होगी. दिल्ली में सातों लोकसभा सीटें इंडिया गठबंधन जीतेगा।अरविंदर सिंह लवली ने एनडीटीवी को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में संकेत दिया था कि दिल्ली में कांग्रेस के लिए संयुक्त अभियान काम नहीं कर रहा है और गठबंधन से पार्टी को अपनी ही जमीन गंवानी पड़ रही है। उन्होंने कहा, “दिल्ली के सात लोकसभा क्षेत्रों में से किसी में भी कांग्रेस नेताओं के पोस्टर नहीं लगे हैं. आम आदमी पार्टी दिल्ली की जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है वहां कांग्रेस के एक भी पोस्टर का इस्तेमाल नहीं कर रही है.”
राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों पर समझौते के तहत, आप चार सीटों पर और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि दोनों दलों के बीच एकता दिल्ली और पड़ोसी हरियाणा की सीमाओं पर जाकर रुक जाती है. पंजाब और कुछ अन्य राज्यों में दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे बीजेपी से आमने-सामने चुनाव लड़ने की योजना विफल हो गई है. जबकि कई विपक्षी नेता इस पर सहमत थे कि बीजेपी को हराने का एकमात्र तरीका यही है।