सहकारिता मंत्री डॉ बनवारीलाल की घोषणा, नवंबर माह से चीनी मिल में गन्ने की पिराई का कार्य होगा शुरू, कैथल में चीनी मिल की भूमि पर लगाया जाएगा सीबीजी प्लांट*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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सहकारिता मंत्री डॉ बनवारीलाल की घोषणा, नवंबर माह से चीनी मिल में गन्ने की पिराई का कार्य होगा शुरू, कैथल में चीनी मिल की भूमि पर लगाया जाएगा सीबीजी प्लांट*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य की सभी सहकारी चीनी मिल नवम्बर माह से गन्ने की पिराई का कार्य शुरू कर देंगी। इसके अलावा किसानों को बिक्री के लिए गन्ना लाने में ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े। इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। सहकारिता मंत्री आज यहां राज्य स्तरीय शुगर फेडरेशन सहकारी चीनी मिल के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजपाल सिंह, महानिदेशक श्री संजय जून, प्रबंध निदेशक श्री जे गणेशन सहित सभी चीनी मिलों के प्रंबध निदेशक एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसानों के मोबाईल पर संदेश आएगा तभी वह गन्ना मिल में लेकर आएगें। इसके साथ ही मिलों में किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने के भुगतान की राशि समय पर मिलें। इसके लिए सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए हैं। पिछले सीजन की गन्ने की सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है। डा. बनवारी लाल ने कहा कि चीनी मिलों की क्षमता और चीनी उत्पादन बढाने के प्रयास किए जा रहे हैं। शाहाबाद की चीनी मिल में 100 करोड़ रुपए की लागत से एथनोल प्लंाट लगाया गया है। पानीपत में भी एथनोल प्लांट लगाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसी माह 24 सितम्बर को इस प्लांट के टैण्डर खुलेंगे। महम व कैथल चीनी मिल में एथनोल प्लांट लगाने की क्षमता 2500 से 3000 टीडीसी करना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों में कलस्टर बनाकर एथनोल प्लांट लगाए जाएगें ताकि चीनी मिलों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई मिलों में रिफाईंड चीनी, बकेटस, कम्पेक्ट बायोगैस आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है। इनसे सुगर मिलों की आय बढेगी। इसके अलावा चीनी मिलों में प्रैस मड व शक्कर बनाने की सम्भावनाएं तालाशी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि फसल विविधकरण की वजह से इस बार गन्ने की बिजाई 197581 एकड़ भूमि पर की गई है जो पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत कम हुई है। इस वर्ष 424 लाख किव्ंटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डा. बनवारी लाल ने कहा कि इस वर्ष चीनी की बिक्री करने में पानीपत चीनी मिल प्रथम, रोहतक चीनी मिल दूसरे व करनाल चीनी मिल तीसरे स्थान पर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर चार अधिकारियों की कमेटी गठित की जाएगी जो बगास बिक्री का रेट निर्धारित करेगी। बगास के लिए चीनी मिलें आपसी सहयोग कर बिक्री करने का कार्य सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहा कि नेफेड की ओर से कैथल में चीनी मिल की भूमि पर सीबीजी प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। सहकारिता मंत्री ने सभी चीनी मिलों की विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों का रखरखाव करने व पार्टस बदलने के लिए कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी जांच कर आवश्यक उपकरण बदलने का कार्य कर रही है ताकि चीनी मिलों पर बेवजह खर्चा न पड़े। सहकारिता मंत्री ने कहा कि वीटा के उत्पाद घर घर पहंुचाने के लिए वीटा बूथ देने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इसके साथ ही अन्य राज्यों में भी वीटा उत्पाद पहंुचाने के लिए डिस्ट्रीब्यूटरशीप बढाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी पैक्स को हार्डवेयर कम्प्यूटराईज करने का कार्य पूरा कर लिया गया है।