Friday, September 20, 2024
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हरियाणा के नॉन-एचसीएस से आईएएस बनने वालो के चयन हेतू 15 फरवरी को होगा इंटरव्यू*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा के नॉन-एचसीएस से आईएएस बनने वालो के चयन हेतू 15 फरवरी को होगा इंटरव्यू*
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चंडीगढ ; – हरियाणा में नॉन-एचसीएस (गैर राज्य सिविल सेवा) कोटे से आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा ) की 5 रिक्तियों के लिए जारी चयन प्रक्रिया में योग्य उम्मीदवारों के इंटरव्यू (साक्षात्कार ) आगामी 15 फरवरी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी ) में होंगे। 2 फरवरी को आयोग द्वारा मुख्य सचिव को भेजे पत्र में गत वर्ष हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी ) द्वारा ली गयी लिखित वस्तुनिष्ठ परीक्षा में शॉर्टलिस्टेड 27 उम्मीदवारों का नाम है। इस सम्बन्ध में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उक्त चयन प्रक्रिया जून,2020 में प्रारम्भ हुई जिस पर पहले 18 अगस्त को हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया हालांकि 23 सितम्बर वह हटा दिया गया. उन्होंने बताया कि नियमानुसार 31 दिसंबर 2020 तक यह चयन प्रक्रिया (सेलेक्ट लिस्ट 2019 हेतू) पूर्ण हो जानी चाहिए थी परन्तु ऐसा नहीं हुआ. बहरहाल, यह बिंदु 14 जनवरी हाई कोर्ट में भी उठा एवं मामले की अगली तारिख 30 अप्रैल 2021 है। इसी बीच हेमंत ने यूपीएससी में आरटीआई दायर कर चयन प्रक्रिया के किये कमेटी की सदस्यता सम्बन्धी ओर 31 दिसंबर 2020 को कमेटी की बैठक बारे जानकारी मांगी परन्तु यूपीएससी ने दोनों देने से इंकार कर दिया ओर यह लिखा की चूँकि चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई इसलिए यह सूचना नहीं दी जा सकती। बहरहाल, उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के लिए योग्य पाए गए उम्मीदवारों में पशुपालन और डेयरी विभाग से आठ -डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रंगी, डॉ. धर्मेद्र सिंह यादव, डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ, डॉ. लाल चंद रंगा, डॉ. संदीप, डॉ. संजय कुमार, डॉ. सुशील कुमार और डॉ. वीरेंद्र सेहरावत, स्वास्थ्य महानिदेशक से तीन – डॉ. चांदनी मलिक, डॉ. मुक्ता कुमार और डॉ. रविंद्र अहलावत, उद्द्योग एवं वाणिज्य विभाग से अश्वनी कुमार गुप्ता, तकनीकी शिक्षा विभाग से कुलदीप सिंह जामवाल, आबकारी एवं कराधान विभाग से राजीव कुमार और नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग से विजेंद्र सिंह ओर वेद प्रकाश का नाम है. उच्चतर शिक्षा विभाग से भी ग्यारह -आदर्श सिंह पंजेटा, अजय कुमार मान, जैन्द्र सिंह छिल्लर, ममता गोयल, प्रदीप कुमार, रोहतास गोदारा, संदीप मान , विवेक भारती, रीना, मनीषा ओर हरी ओम का नाम है.
हेमंत ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय (सरकारी ) कॉलेजो में कार्यरत वरिष्ठ लेक्चरर, जिन्हें कई वर्षो पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का पदनाम दिया गया एवं जिन्हे अक्टूबर, 2010 में तत्कालीन भूपिंदर हुड्डा सरकार दौरान जारी एक नोटिफिकेशन द्वारा क्लास वन का दर्जा दिया गया था, वह आज तक वास्तव में कानूनी एवं आधिकारिक रूप में राज्य सरकार के ग्रुप ए अर्थात क्लास वन अधिकारी नहीं है क्योंकि आज तक इन पर लागू होने वाले सेवा नियमों में इनके ग्रुप बी होने का ही उल्लेख है. अब इसके बावजूद इस वर्ग से 11 उम्मीदवारों को कैसे साक्षात्कार के लिए योग्य पाया गया है, यह देखने लायक है। हेमंत ने इस विषय पर बीते वर्ष जुलाई-अगस्त में हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एवं विभाग के महानिदेशक एवं अन्य को अलग अलग लिखा भी था जिसमें उन्होंने विभाग द्वारा सरकारी कॉलेजों के 100 के करीब असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों के नाम एचपीएससी को भेजने पर आपत्ति जताई क्योंकि वो कानूनन राज्य सरकार के ग्रुप ए अधिकारी नहीं हैं चूँकि उक्त चयन प्रक्रिया में केवल न्यूनतम 8 वर्ष नियमित सेवा वाले राज्य सरकार के ग्रुप ए अधिकारी ही योग्य हैं. इसके जवाब में 4 सितम्बर 2020 को उन्हें विभाग द्वारा सूचित किया गया कि सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसरों के सेवा नियमो में वांछित संशोधन नहीं किया गया है हालांकि इस सम्बन्ध में बीती मिसल (फाइल ) सेवा नियमों में संशोधन हेतू मुख्यमंत्री महोदय को प्रस्तुत कर दी गयी है। बहरहाल, आज तक उक्त सेवा नियमो में संशोधन नहीं किया गया है परन्तु जब इस सम्बन्ध में हेमंत ने बीते दिनों जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि राज्य सरकार ने इस विषय पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है एवं संभवत: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में उक्त कॉलेज प्रोफेसरों को कानूनन ग्रुप ए अधिकारी बनाने हेतू उनके सेवा नियमो में उपयुक्त संशोधन करने पर मुहर लगा दी जायेगी।

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