भाजपा नेतृत्व की अनदेखी के कारण साधारण समाजसेवी मात्र 3 लाख रुपये खर्च करके बना हरियाणा का लोकप्रिय विधायक*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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भाजपा नेतृत्व की अनदेखी के कारण साधारण समाजसेवी मात्र 3 लाख रुपये खर्च करके बना हरियाणा का लोकप्रिय विधायक*
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चंडीगढ ;- समाज सेवा करने के जज्बे को लेकर हरियाणा सरकार की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए एक साधारण से व्यक्ति ने मात्र लगभग 3 लाख रुपये खर्च करके विधायक बने एक व्यक्ति ने राजनीति के मायने ही बदल दिए हैं। ऐसा सुना जाता है कि राजनैतिक दल अपने कार्यकर्ताओं से करोड़ों रूपए का चंदा लेकर उन्हें अपनी पार्टी का टिकट देते हैं। परंतु यहां तो कुछ और ही देखने और सुनने को मिला है। हरियाणा की नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र से आजाद विधायक बने धर्मपाल गोंदर ने राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़ के संपादक राणा ओबराय से एक विशेष भेंटवार्ता में बताया की मैने सरकारी नौकरी छोड़कर 2004 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करी। भाजपा पार्टी के लिए दिन रात कार्य करने वाले धर्मपाल गोंदर को 2009 में भाजपा ने नीलोखेड़ी से विधानसभा का उम्मीदवार बनाया। परंतु धर्मपाल गोंदर के भाग्य में उस समय विधायक बनना नहीं लिखा था। 2014 में भाजपा पार्टी ने गोंदर को टिकट देने के काबिल नहीं समझा। परन्तु गोंदर भाजपा पार्टी में विभिन्न पदों पर रहते हुए दिनरात जनता की सेवा करते रहे। धर्मपाल गोंदर ने बताया कि भाजपा पार्टी के कार्यक्रमों में लोगो को लेकर जाना व उनकी खातिरदारी करने से उनकी आर्थिक स्तिथि खराब हो गयी थी। उन्होंने बताया जब 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व ने उनको नीलोखेड़ी से टिकट नही दी तो मेरा मनोबल टूट गया। उन्होंने बताया नॉमिनेशन के आखरी दिन के कुछ घण्टे पहले कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्ती मेरा आजाद उम्मीदवार के तौर पर नॉमिनेशन भरवा दिया। उसके बाद मानो नीलोखेड़ी की जनता ने मुझे विधायक बनाने का मन ही बना लिया हो।जब गोंदर से विधायक बनने तक खर्चे के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मात्र 3 लाख 60 हजार रुपये मेरे चुनाव पर खर्च हुए हैं। शायद हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबसे कम खर्चा मेरा ही हुआ है। हरियाणा सरकार में फारेस्ट विभाग के चेयरमैन के पद पर कार्यरत गोंदर बहुत ही साधारण तरीके से रहकर हल्के की जनता की सेवा करते रहते हैं। विधायक धर्मपाल की इच्छा है कि सरकार नीलोखेड़ी को उपमंडल का दर्जा दे तांकि मेरे क्षेत्र के लोगो को छोटे छोटे कामो के लिए करनाल न जाना पड़े। चेयरमैन गोंदर ने मुख्यमंत्री खट्टर को बड़े साफ शब्दों में कहा था की भले ही मुझे कोई भी ओहदा मत दो पर मेरे क्षेत्र के विकास में कमी मत आने देना। विधायक से बात करने पर एक बात साफ हो जाती है कि यदि आप ईमानदारी से जनता की सेवा में जुट जाते हो तो करोड़ो रुपये खर्च करे बिना व नेताओ के तलवे चाटे बिना भी आप मात्र 4 लाख रुपये के कम खर्चे से विधायक बन सकते हो।