Thursday, November 6, 2025
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चश्मा पहनते ही संपत सिंह को मिली राष्ट्रीय सरंक्षक की अहम जिम्मेदारी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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चश्मा पहनते ही संपत सिंह को मिली राष्ट्रीय सरंक्षक की अहम जिम्मेदारी*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा की राजनीति में बुधवार को एक बड़ा ‘री-एंट्री शॉट’ देखने को मिला। पूर्व मंत्री और कभी चौ. देवीलाल के सबसे भरोसेमंद नवरत्नों में रहे प्रो. संपत सिंह ने 16 साल बाद फिर से इनेलो का ‘चश्मा ‘ पहन लिया। उनके साथ उनके बेटे गौरव संपत सिंह ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम चंडीगढ़ स्थित इनेलो मुख्यालय में हुआ। यह केवल वापसी समारोह नहीं, बल्कि हरियाणा की सियासत में नये समीकरणों का संकेत है। चंडीगढ़ में बुधवार को प्रो. संपत सिंह का इनेलो में स्वागत करते अभय चौटाला।
राष्ट्रीय संरक्षक घोषित किया और कहा कि उनका अनुभव पार्टी को नयी दिशा देगा। उन्होंने कहा कि उनके बेटे गौरव संपत सिंह को युवा इनेलो में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।
इस मौके पर संपत सिंह ने भावुक स्वर में कहा, ‘मेरी सबसे बड़ी भूल थी कांग्रेस में जाना। इन 16 सालों में मैंने केवल अपमान और साजिशें देखीं। कांग्रेस अब विचारों की नहीं, बल्कि रिश्तेदारी और वोट चोरी की पार्टी बन गई है। आज मैं अपने असली घर, देवीलाल साहब की पार्टी, इनेलो में लौटा हूं। उन्होंने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि युवाओं को ठेके पर नौकरियां मिल रही हैं,
*भाजपा और कांग्रेस दोनों सांपनाथ-नागनाथ*
अभय ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में कोई फर्क नहीं है। एक सांपनाथ है. दूसरा नागनाथ। दोनों जनता को धोखा देते हैं। राहुल गांधी आज वोट चोरी की बात कर रहे हैं, लेकिन यह खेल कांग्रेस ने ही शुरू किया था, भाजपा ने बस उसे और रिफाइंड कर दिया। इनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा कि गुरुपर्व के दिन संपत सिंह का घर लौटना शुभ संकेत है। अब इनेलो फिर से हरियाणा की उम्मीद बनेगी।
किसान मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जनता के पास एक सच्चा विकल्प है और वो है इनेलो। इस दौरान मंच पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा के अलावा आदित्य देवीलाल, शेर सिंह बड़शामी, आरएस चौधरी, उमेद सिंह और प्रकाश भारती व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
अजय चौटाला की वजह से छोड़ कर गए थे अभय चौटाला ने कहा कि प्रो. संपत सिंह और
रामपाल माजरा को पार्टी छोड़ने के लिए किसी और ने नहीं, बल्कि तरप अजय चौटाला ने मजबूर किया था। से उन्होंने कहा कि अजय चाहते थे कि ट्रेन पार्टी में उनकी पसंद के लोग रहें, का विचारधारा से जुड़े नहीं। जो हमें आप नुकसान पहुंचाने चले थे, वे आज खुद हाशिये पर हैं। अभय ने कहा कि अब इनेलो को एकजुट करने का फुटा समय आ गया है। संपत सिंह की दूस वापसी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, लगे बल्कि विचारधारा की वापसी है। जो ने देवीलाल की सोच से जुड़े हैं, वे सब संवे एक मंच पर लौट रहे हैं।

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