Friday, October 17, 2025
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चंडीगढ़ को पॉल्यूशन से बचाने के लिए वाहनों को रोक कर पीयूसी जांचने के आदेश*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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चंडीगढ़ को पॉल्यूशन से बचाने के लिए वाहनों को रोक कर पीयूसी जांचने के आदेश*
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चंडीगढ़ ;- सर्दियों में चंडीगढ़ को गैस चैंबर बनने से बचाने के लिए चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीसी) ने सख्त आदेश जारी किए हैं। अब सड़कों पर दौड़ते वाहनों को रोककर उनकी पीयूसी जांच की जाएगी और धूल पर काबू पाने के लिए सड़कों को पानी से धोया जाएगा।
समिति ने ट्रैफिक मैनेजमेंट पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही सभी श्मशानों में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
*दिवाली के समय खराब हो जाती है हवा*
पर्यावरण निदेशक सौरभ कुमार की अध्यक्षता में सीपीसीसी की 10वीं एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में चेयरमैन ने विभागों की सुस्त कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस बार किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, क्योंकि हर साल ठंड और दीवाली के समय वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब से गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है।
उन्होंने सभी विभागों को मिलकर तुरंत ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में तय हुआ कि नगर निगम को तुरंत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का प्रस्ताव भेजना होगा और सभी श्मशानों पर एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस लगाने होंगे। साथ ही शहर में पौधारोपण किया जाएगा और डंपिंग ग्राउंड के आसपास हरियाली लगाकर ग्रीन बफर जोन बनाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के लिए मिले फंड का 30 सितंबर तक उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है और नगर निगम को 7.92 करोड़ रुपए की राशि का जल्द से जल्द इस्तेमाल करना होगा, वहीं पिछली फंडिंग के उपयोगिता प्रमाण पत्र पांच दिन में जमा करने होंगे।
वाहनों का एमिशन होगा चेक
लोगों को प्रदूषण से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन शुरू करने की तैयारी है, जबकि ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग और सीपीसीसी की संयुक्त टीमें वाहनों का एमिशन चेक करेंगी। त्योहारों पर पटाखों पर लगाए जाने वाले पाबंदी का सख्ती से पालन और निर्माण स्थलों पर कंस्ट्रक्शन व डिमोलिशन वेस्ट प्रबंधन नीति का सख्ती से पालन होगा। ट्रैफिक पुलिस को त्योहारों के लिए व्यापक ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान बनाने का काम सौंपा गया है, जिसमें जाम से राहत, डायवर्जन, पार्किंग प्रबंधन और सिग्नल ऑप्टिमाइजेशन शामिल होंगे।
एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करने के निर्देश
धूल कम करने के लिए एक प्रमुख सड़क पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें ट्रीटेट पानी से रोड वॉशिंग, मैकेनिकल स्वीपिंग होगी। सीपीसीसी इस पर निगरानी रखेगा और रिपोर्ट देगा। बैठक में नगर निगम, इंजीनियरिंग विभाग, पीजीआई, पंजाब यूनिवर्सिटी, रेलवे और अन्य को धूल और कचरे के प्रबंधन, एंटी-स्मॉग गन, वॉटर स्प्रिंकलर और रोड स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए। आदेशों की अनदेखी करने वालों पर पर्यावरण मुआवजा और कानूनी कार्रवाई होगी।
*जागरुकता फैलाने के लिए 15 दिन में मांगा प्लान*
सौरभ कुमार ने सभी विभागों को आदेश दिया है कि वह जागरुकता फैलाने के लिए 15 दिन के एक प्लान बनाएं और विभाग को सौंपे, जिसमें स्कूल, कॉलेजों, बाजारों और आरडब्ल्यूए समेत विभिन्न वर्गों को शामिल किया जाएगा और रेडियो जिंगल, नुक्कड़ नाटक, डोर-टू-डोर अभियान और वर्कशॉप के जरिए लोगों को प्रदूषण के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। बैठक के अंत में सौरभ कुमार ने कहा कि साफ हवा चंद कदमों से हासिल नहीं होगी बल्कि इसके लिए सालभर निरंतर प्रयास, समुदाय की भागीदारी जरूरी है। सभी विभागों को हर महीने की पहली हफ्ते में अपनी अनुपालन रिपोर्ट सीपीसीसी को भेजनी होगी।

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