AIBE EXAM मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए नवनियुक्त वकीलों को दिया झटका / कहा बार काउंसिल की एआईबीई परीक्षा फीस पर नहीं मिलेगी राहत*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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AIBE EXAM मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए नवनियुक्त वकीलों को दिया झटका / कहा बार काउंसिल की एआईबीई परीक्षा फीस पर नहीं मिलेगी राहत*
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नई दिल्ली ;- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 सितंबर) को एक अहम फैसला सुनाते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) के लिए ली जाने वाली फीस को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि, जस्टिस जे.बी. पारडीवाला और संदीप मेहता की बेंच ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि परीक्षा आयोजित करने में बीसीआई को भारी खर्च उठाना पड़ता है और शुल्क लेना पूरी तरह उचित है। अदालत ने साफ किया कि यह व्यवस्था संविधान के किसी भी प्रावधान के खिलाफ नहीं है।
याचिकाकर्ता ने उठाया था सवाल
यह याचिका अधिवक्ता सय्यम गांधी की ओर से दायर की गई थी। उन्होंने दलील दी थी कि BCI सामान्य और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से ₹3,500 और एससी/एसटी वर्ग से ₹2,500 शुल्क के अलावा अन्य चार्ज भी लेता है, जो अनुचित है।
याचिका में यह भी कहा गया कि फीस वसूली की यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(g) (पेशे को अपनाने का अधिकार) का उल्लंघन करती है। साथ ही, यह व्यवस्था एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 24(1)(f) के खिलाफ है।
जस्टिस जे. बी. पारडीवाला और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले भी अदालत ने याचिकाकर्ता को सीधे अदालत आने से पहले बार काउंसिल से संपर्क करने की सलाह दी थी। अब जबकि BCI ने अपने खर्च और प्रक्रिया स्पष्ट कर दी है, इसलिए यह याचिका टिकाऊ नहीं है।
*AIBE 2025: फीस पर अब नहीं मिलेगी राहत*
याचिकाकर्ता ने न केवल भविष्य में शुल्क वसूली पर रोक लगाने की मांग की थी, बल्कि पहले से लिए गए शुल्क की वापसी भी मांगी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि BCI द्वारा तय की गई फीस व्यवस्था कानूनी रूप से वैध है और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

