आपराधिक केस में पति के खिलाफ सरकारी वकील बन पंचकूला कोर्ट में पेश हुई पत्नी को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार/पेशेवर नियमो का नही किया पालन!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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आपराधिक केस में पति के खिलाफ सरकारी वकील बन पंचकूला कोर्ट में पेश हुई पत्नी को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार/पेशेवर नियमो का नही किया पालन!*
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चंडीगढ़ ;- पंजाब & हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला जिला अदालत में तैनात महिला को अपने पति के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में सरकारी वकील के रूप में पेश होने पर कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस अर्चना पुरी ने महिला एडवोकेट को सख्त लहजे में कहा कि आपने पेशेवर आचार का पालन नहीं किया और अदालत को यह भी नहीं बताया कि जिस आरोपी के खिलाफ वह राज्य की ओर से पेश हो रही हैं, वह आपके पति हैं। अदालत ने आदेश दिया कि इस तरह का आचरण जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा नोट किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित एडीए अपने पति से जुड़े किसी भी मामले में सरकारी वकील के रूप में पेश न हों। यह आदेश पति द्वारा दायर उस याचिका पर आया, जिसमें उसने बेटी के भरण-पोषण से जुड़ी याचिका को पंचकूला से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग की थी। पति का आरोप था कि पत्नी पंचकूला में एडीए होने के नाते उस पर दबाव बना रही हैं और उनके खिलाफ चल रहे मामलों को प्रभावित कर रही हैं। पति ने अदालत में दस्तावेज़ रखे जिनसे साबित हुआ कि पत्नी कई तारीखों पर उसके खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न मामले में सरकारी वकील के रूप में पेश हुई हैं।
वहीं, पत्नी की ओर से कहा गया कि उन्होंने केवल ‘स्टॉप-गैप अरेंजमेंट’ के तहत पेशी की थी क्योंकि उस समय अन्य एडीए अवकाश पर थे। अदालत ने दोनों पक्षों के आचरण पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि पत्नी को तुरंत अदालत को अपने रिश्ते की जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बार-बार पेशी से यह प्रतीत होता है कि वह जानबूझकर मामले में हस्तक्षेप कर रही थीं। हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से अदालतों को गुमराह कर रहे हैं और एक-दूसरे को परेशान करने के लिए मामलों का ट्रांसफर चाहते हैं। अदालत ने पति की याचिका खारिज कर दी, लेकिन ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि मामले में पूरी सतर्कता बरती जाए क्योंकि पत्नी वहां एडीए के पद पर कार्यरत हैं।

