पंजाब के रवैये पर हाईकोर्ट का कड़ा रुख / पंचायत समिति-जिला परिषद चुनाव में देरी के कारणों पर हलफनामा दायर करें सरकार*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पंजाब के रवैये पर हाईकोर्ट का कड़ा रुख / पंचायत समिति-जिला परिषद चुनाव में देरी के कारणों पर हलफनामा दायर करें सरकार*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ ;- पंजाब & हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में पंचायत व जिला परिषद चुनाव में देरी पर कड़़ा रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर चुनाव में देरी के कारणों को स्पष्ट करने वाला एक हलफनामा दायर करे।
मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह निर्देश एक जनहित याचिका पर जारी किया। बेअंत कुमार ने अपनी याचिका में कहा कि राज्य की निष्क्रियता सांविधानिक प्रावधान का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने कहा कि देरी भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 का उल्लंघन करती है, जो यह अनिवार्य करता है कि पंचायतों के चुनाव उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले या विघटन के मामले में छह महीने के भीतर आयोजित किए जाएं।
पंजाब पंचायती राज अधिनियम जिला परिषद चुनाव की अवधि और संचालन को नियंत्रित करते हैं। याचिकाकर्ता ने एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न उठाया कि क्या यह देरी 1994 के अधिनियम का उल्लंघन करती है या यह पंजाब राज्य सरकार की प्रशासनिक जिम्मेदारी में चूक को दर्शाती है।
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य को देरी का औचित्य सिद्ध करने के लिए विस्तृत जवाब दाखिल करने का समय दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि हलफनामे में चुनावों के समय पर आयोजन में बाधा डालने वाले कारणों और परिस्थितियों को स्पष्ट रूप से समझाया जाए।

