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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मोदी सरकार की नाराजगी की एक वजह यह भी? राज्यसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे को मौका और सदन।के नेता जेपी नड्डा को रोका*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मोदी सरकार की नाराजगी की एक वजह यह भी? राज्यसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे को मौका और सदन।के नेता जेपी नड्डा को रोका*
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नई दिल्ली ;- जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिए हुए कई दिन बीत चुके हैं। अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर तैयारी तेज हो गई है, लेकिन अब तक तस्वीर साफ नहीं है कि आखिर उनका इस्तीफा क्यों हुआ। इस बीच कई चर्चाएं चल रही हैं और उनमें से एक यह है कि उनका रुख काफी बदला हुआ था। वह सदन और उससे बाहर विपक्षी नेताओं को ज्यादा तवज्जो दे रहे थे। यहां तक कि सरकार की हिदायत के बाद भी जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। धनखड़ के बदले रुख से सरकार में नाराजगी काफी समय से थी, लेकिन महाभियोग के प्रस्ताव को स्वीकार करना आखिरी कील साबित हुआ।।

कहा तो यहां तक जा रहा है कि खुद धनखड़ के खिलाफ ही सरकार महाभियोग लाने पर विचार कर रही थी। इसकी जानकारी जब जगदीप धनखड़ को हुई तो उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया। खबर है कि जगदीप धनखड़ ने संसद में पहलगाम आतंकी हमले पर बोलने के लिए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को तो मौका दिया, लेकिन जब जेपी नड्डा खड़े हुए तो उन्हें बिठा दिया। जगदीप धनखड़ ने हाथ के इशाके से नड्डा को बैठने के लिए कहा। यह चीज भी नागवार गुजरी। दरअसल नियम के अनुसार यदि कोई विपक्ष का नेता सवाल उठाता है तो नेता सदन का अधिकार है कि वह जवाब दे।

हिदायत के बाद भी माना महाभियोग प्रस्ताव तो सिर के ऊपर गुजरा पानी

यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी की तरह प्रोटोकॉल की मांग, अपनी तस्वीरें मंत्रालयों पर लगाने की डिमांड जैसी कई चीजें अब कही जा रही हैं। इस तनाव को जेपी नड्डा के उस गुस्से से भी समझा सकता है, जो रूप उनका जवाब देने से रोकने पर दिखाई दिया। आमतौर पर जेपी नड्डा शांत ही नजर आते हैं, लेकिन रोके जाने पर वह भड़क उठे। इसके बाद जब हिदायत के बाद भी धनखड़ ने विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार किया तो पानी सिर के ऊपर से चला गया। सरकार चाहती थी कि वह खुद अदालत के खिलाफ आक्रामक दिखाई दे। उसकी तैयारी इस प्रस्ताव को लोकसभा के जरिए लाने की थी। लोकसभा से यह प्रस्ताव आता और फिर राज्यसभा में भी सरकार ही इसे आगे बढ़ाती।

अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद से बदले थे धनखड़

मामले की जानकारी रखने वाले कहते हैं कि जगदीप धनखड़ के खिलाफ जब बीते साल दिसंबर में अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की तरफ से आया तो वह हैरान रह गए। इसके बाद से जगदीप धनखड़ का रुख बदल गया। कभी जनसंख्या असंतुलन पर खुलकर बोलने वाले और धर्मांतरण तक पर चिंता जाहिर करने वाले धनखड़ विपक्षी नेताओं से दोस्ती गांठने लगे। विपक्षी नेताओं से वह प्राइवेट मीटिंग्स करने लगे और इनमें सरकार की आलोचना तक करते थे। यही नहीं कई मसलों पर उनका रुख सरकार को नागवार गुजरा। उन्होंने मांग की थी कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से उनकी भी मुलाकात कराई जाए क्योंकि वह उनके समकक्ष हैं।

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