बल्लभगढ़ मंडी में नहीं शुरू हुई अटल मजदूर किसान कैंटीन/ किसान-मजदूर परेशान /पीने का पानी तक नही!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बल्लभगढ़ मंडी में नहीं शुरू हुई अटल मजदूर किसान कैंटीन/ किसान-मजदूर परेशान /पीने का पानी तक नही!*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
फरीदाबाद:- बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में रबी सीजन में सरसों और अब गेहूं की भारी आवक हो रही है. मंडी में किसानों और मज़दूरों की आवाजाही भी बढ़ गई है। लेकिन हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड द्वारा 15 मार्च से शुरू करने की घोषणा की गई अटल किसान-मजदूर कैंटीन अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
यह कैंटीन स्वयं सहायता समूहों के जरिए चलाई जानी थी, जिसमें किसानों, आढ़तियों और मज़दूरों को सिर्फ 10 रुपये में थाली मिलनी थी. इसमें 15 रुपये का अनुदान मार्केट कमेटी देती, लेकिन हकीकत यह है कि आज तक यह सुविधा धरातल पर नजर नहीं आ रही. किसान और मज़दूरों को मजबूरी में ढाबों से महंगा खाना खरीदना पड़ रहा है।
बल्लभगढ़ अनाज मंडी में हालात इतने खराब हैं कि पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. किसान बोतलबंद पानी 20 रुपये में खरीद कर पीने को मजबूर हैं. किसान विनोद कुमार ने बताया, “15 मार्च से हमें 10 रुपये में खाना मिलने की बात कही गई थी, पर अब तक यहां कोई कैंटीन नहीं खुली। यहां पर ऐसी कोई सुविधा है ही नहीं.” वहीं मजदूर रुपू ने कहा, “मैं कई साल से मंडी में काम कर रही हूं. हमें यहां कोई भी सुविधा नहीं मिलती. न फ्री में खाना, न पानी. हम या तो घर से खाना लाते हैं या बाहर से खरीद कर खाते हैं.”धर्मेंद्र कुमार ने बताया, “हम लोगों को यहां पर फ्री में कुछ भी नहीं मिलता. पीने का पानी तक खरीदना पड़ता है. सरकार ने 15 मार्च से कैंटीन शुरू करने का वादा किया था, लेकिन यहां कुछ भी शुरू नहीं हुआ. बहुत दिक्कत होती है. ” कुल मिलाकर मंडी में आने वाले किसान और मजदूर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. सरकार की योजना सिर्फ कागज़ों पर है, जमीन पर अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है. किसान और मज़दूरों की मांग है कि जल्द से जल्द कैंटीन शुरू हो और पीने के पानी की व्यवस्था की जाए।

