Tuesday, March 18, 2025
Latest:
करनालचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतराज्यहरियाणा

भारतीय युवाओं के चिंताजनक बात, तेजी से बढ़ रहा किडनी रोग, देश में 13.24% युवा प्रभावित*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भारतीय युवाओं के चिंताजनक बात, तेजी से बढ़ रहा किडनी रोग, देश में 13.24% युवा प्रभावित*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
देश में 50 साल से कम आयु के लोगों में किडनी और कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। एक समय पारंपरिक रूप से बुजुर्गों में होने वाली किडनी की बीमारी अब केवल उन्हीं तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि युवा आयु वर्ग में इस बीमारी के बढ़ने से बड़े पैमाने पर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) के अध्ययन में सामने आया है कि भारत में क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का प्रचलन अब 13.24 फीसदी है। नेफ्रोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारत में सीकेडी का प्रचलन छह सालों में 47.3 फीसदी बढ़ा है जो 2011 और 2017 के बीच 11.12 से बढ़कर 2018 और 2023 के बीच 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में 16.38 फीसदी हो गया है।
पुरुष अधिक प्रभावित,
पुरुष किडनी रोग से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। जहां 14.80 फीसदी पुरुष इससे पीड़ित हैं वही महिलाओं में यह दर 13.51 फीसदी है। युवा आबादी के किडनी रोग की चपेट में आने के मुख्य कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप और जीवनशैली में बदलाव है। किडनी हमारे शरीर में चौबीसों घंटे काम करती हैं।
दक्षिण में सबसे ज्यादा
दक्षिण भारत में किडनी रोग की दर सबसे अधिक 18.78% है। पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में क्रमशः 15.27% और 16.74% है। पूर्वी क्षेत्र में रोग का प्रसार 8.58 तथा उत्तर भारत में सबसे कम 7.2% है। अध्ययन के अनुसार सीकेडी ग्रामीण आबादी को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रसार 15.34 और शहरी क्षेत्रों में यह 10.65 फीसदी है। सीमित संसाधनों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहचान सही समय पर नहीं हो पाती है।
सक्रिय कदम उठाने की जरूरत
शोध के निष्कर्ष में कहा गया है कि इस बढ़ती हुई समस्या से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है।
एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित स्वास्थ्य की जांच करवाना और किडनी की बीमारी का पता चलने पर त्वरित उपचार को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
किडनी स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर सकते हैं, जहां खासकर युवाओं में किडनी कैंसर का न केवल इलाज किया जा सकता है बल्कि इसे रोका भी जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!