72000 रुपये में लॉ की डिग्री, 60000 में नर्सिंग का डिप्लोमा/ हरियाणा में फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट का भंडाफोड़/ पानीपत में भी पकड़े जा सकते हैं फर्जी सर्टिफिकेट बेचने वाले जालसाज*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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72000 रुपये में लॉ की डिग्री, 60000 में नर्सिंग का डिप्लोमा/ हरियाणा में फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट का भंडाफोड़ / पानीपत में भी पकड़े जा सकते हैं फर्जी सर्टिफिकेट बेचने वाले जालसाज*
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सिरसा/चंडीगड़ :- समय समय पर हरियाणा में फर्जी डिग्रियां का कारोबार करने वाले जालसाज पकड़े जाते हैं। परंतु अभी तक बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ करने वालो का यह अवैध कारोबार रुकने का नाम नही ले रहा है। कोचिंग सेंटर और इंस्टीट्यूट के नाम से बोर्ड लगाकर सिर्फ एक दुकान में आपराधिक पृवत्ति के जालसाज लोग बड़ी बड़ी डिग्रिया कराने के नाम पर भोले भाले युवकों को अपने जाल में फंसाकर मोटी रकम ऐंठते है। और फिर उनको नकली डिग्री पकड़ा देते हैं। निजी सूत्रों के अनुसार जानकारी मिल रही है कि हरियाणा के अनेको शहरों के साथ साथ नकली डिग्री बेचने का धंदा पानीपत में भी चल रहा है? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विगत दिवस हरियाणा, सिरसा के द्वारका पुरी में एक छोटे से संस्थान से नकली डिग्रियों का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। गुरुवार को सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने सिरसा में स्तिथ साईं इंस्टीट्यूट पर छापा मारा और कई विश्वविद्यालयों की नकली डिग्रियां और प्रमाण पत्र बरामद किए। प्रशासन द्वारा संस्थान को सील कर दिया गया है और आगे की जांच जारी है। एक युवक जो इंस्टिट्यूट से माइग्रेशन सर्टिफिकेट लेने आया था, उसने बताया कि उसने 30,000 रुपये में अरुणाचल प्रदेश के एक विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री खरीदी थी। वह अभी चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों की जाँच की जा रही है। साईं इंस्टीट्यूट नाम का यह संस्थान सिर्फ एक कमरे में चल रहा था। यहां से कई तरह की नकली डिग्रियां मिली हैं। इनमें बीए, एमए, इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ और कई अन्य क्षेत्रों की डिग्रियां शामिल हैं। 10वीं और 12वीं के नकली सर्टिफिकेट भी मिले हैं। यह संस्थान देश के अलग-अलग राज्यों के 30-40 विश्वविद्यालयों की नकली डिग्रियां बेच रहा था। इनमें छत्तीसगढ़, पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर और केरल जैसे राज्य शामिल हैं।
*28 से लेकर 72 हजार रुपये में बेचते थे डिग्रियां!*
डिग्रियों की कीमत 28 हजार रुपये से लेकर 72 हजार रुपये तक थी। मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी और नर्सिंग असिस्टेंट जैसे डिप्लोमा 50 हजार से 60 हजार रुपये में मिलते थे। छापे के दौरान नकली मोहरें, दस्तावेज, फॉर्म और प्रिंटिंग उपकरण भी मिले हैं। ये मोहरें अलग-अलग शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों की थीं। संस्थान में लगे कैमरे भी जब्त कर लिए गए हैं।
*सिर्फ एक छोटे से कमरे में बड़ा इंस्टीट्यूट*
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी जिसके बाद यह छापा मारा गया। टीम में रानिया गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ बीएस भोला, सब-इंस्पेक्टर राजेश कुमार और एएसआई दिनेश कुमार शामिल थे। छापे के समय संस्थान का मालिक सीताराम मौके पर नहीं था। वहां सिर्फ चार महिला कर्मचारी थीं जो रिसेप्शन और ऑफिस का काम देख रही थीं। कोई और स्टाफ या छात्र मौजूद नहीं था। इससे शक होता है कि यह संस्थान सिर्फ नकली डिग्रियां बेचने के लिए चलाया जा रहा था। स्मरण रहे कि पहले भी मध्य्प्रदेश, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश की अनेको यूनिवर्सिटीज की नकली सर्टिफिकेट पकड़े जाने की खबरे मीडिया में छप चुकी है।