पीजीआई चंडीगढ़ ने मनाया अपना 61वां स्थापना दिवस, जनरल ने कहा जैसे पंजाब में पांच दरिया हैं, वैसे ही पांच राज्यों से आने वाले मरीजों को संभालता है PGI*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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पीजीआई चंडीगढ़ ने मनाया अपना 61वां स्थापना दिवस, जनरल ने कहा जैसे पंजाब में पांच दरिया हैं, वैसे ही पांच राज्यों से आने वाले मरीजों को संभालता है PGI*
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चंडीगढ़ ;- पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ ने आज 8 जुलाई, 2024 को भार्गव ऑडिटोरियम, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में अपना 61वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह एवीएसएम, वीएसएम, पीएचएस; महानिदेशक, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा और वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट, सेना चिकित्सा कोर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम में पीजीआई चंडीगढ़ के विभिन्न चिकित्सा और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों को मुख्य अतिथि द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
संस्थान के सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि पिछले कई वर्षों से अपने योगदान के कारण पीजीआई चंडीगढ़ ने चिकित्सा जगत में अपना एक विशेष स्थान बना लिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पंजाब में पांच दरिया हैं, उसी तरह पीजीआई पांच राज्यों से आने वाले मरीजों की देखभाल करता है। सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने कहा कि हम अपनी सीमाओं की रक्षा करने वाले अपने सशस्त्र बलों के कारण ही चंडीगढ़ के खूबसूरत शहर में शांति से बैठ पाते हैं, जिनकी देखभाल शांति और युद्ध दोनों समय के दौरान किसी भी आपात स्थिति में सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा द्वारा की जाती है। पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने इस प्रतिष्ठित संस्थान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें इस तरह के प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़ने और इसके स्थापना दिवस को मनाने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि पीजीआई, संस्थान के सभी चिकित्सा पेशेवरों की ‘कर्मभूमि’ है, जो पांच पड़ोसी राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से आने वाले मरीजों की सेवा करने के लिए अथक प्रयास करते हैं। उन्होंने संस्थान के सभी मेडिकल और गैर-मेडिकल कर्मचारियों को बधाई दी और उनके प्रयासों और ड्यूटी के समय से परे भी उनकी कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने यह भी दोहराया कि मेहनती कर्मचारियों की वजह से ही पीजीआई इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को व्यवस्थित तरीके से देख पा रहा है। कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए पीजीआई के निदेशक ने कहा कि पीजीआई देश के लिए एक संपत्ति है। उन्होंने कहा कि संस्थान मरीजों की बड़ी संख्या को बोझ नहीं मानता, बल्कि उन सभी की सेवा करना उसका कर्तव्य है क्योंकि उन्हें हमारी प्रणाली पर पूरा भरोसा है। “संस्थान में हर साल 30 लाख मरीज आते हैं। सरकार इन मरीजों की सेवा के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।” निदेशक ने संस्थान में मरीजों के दृढ़ विश्वास को रेखांकित किया जो उन्हें और भी बेहतर सेवा देने के लिए प्रेरित करता है। निदेशक ने बताया कि जल्द ही एक प्रतिष्ठित मातृ एवं शिशु देखभाल केंद्र खोला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब से दो साल बाद, हम एक अलग और बेहतर पीजीआई देखेंगे और संस्थान आने वाले समय में चीजों को बेहतर बनाने के लिए पूरे जोश से काम कर रहा है। पीजीआईएमईआर के डीन, अकादमिक, प्रोफेसर आरके राठो ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
संस्थान के बारे में अधिक जानकारी यहां पाई जा सकती है: https://pgimer.edu.in/