पानीपत SP शशांक पुलिस इमेज को बेहतर बनाने के लिए लेते हैं सख्त फैंसले, पुलिस छवि को साफ सुथरा रखने के लिये SPO को किया था बर्खास्त*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज़,
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पानीपत SP शशांक पुलिस इमेज को बेहतर बनाने के लिए लेते हैं सख्त फैंसले, पुलिस छवि को साफ सुथरा रखने के लिये SPO को किया था बर्खास्त*
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पानीपत (राजेश ओबराय) ;- पानीपत के एसपी अपनी ईमानदारी व सख्त प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं। ऐसा प्रचलित है कि SP के संज्ञान में जब भी कोई ऐसा मामला है जिसमें पुलिस अधिकारी पुलिस मैनुअल के खिलाफ काम करता है तो एसपी शशांक इसको बर्दाश्त नहीं कर पाते। वह ऐसे मामले में संज्ञान लेकर उस पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं। लगभग 3 दिन पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया है। पानीपत जिले के समालखा थाना में तैनात एक SPO (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) को SP शशांक कुमार सावन ने बर्खास्त कर दिया है। उनको बर्खास्त करते हुए SP ने आदेश में लिखा कि जानकारी होने के बावजूद आपने कानून हाथ में लिया। आपकी इस हरकत से पुलिस की छवि धूमिल हुई। आपकी इस गलती से दूसरे पुलिस कर्मचारियों का भी हौसला बढ़ेगा। इसलिए आपकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं। आप पद पर रहने काबिल नहीं है । बर्खास्त पत्र में लिखा कि 11 जुलाई को सुबह 8 बजे सूचना मिली थी कि कुराड़ पाना, समालखा में ईश्वर पुत्र चेतराम ने प्रवीन पुत्र रामजस की मोटर साइकिल रोक ली। जिस सूचना पर ASI सुरेंद्र सिंह, होमगार्ड सुनील कुमार और अमित मौके पर पहुंचे। SPO प्रवीन कुमार, उसका भाई इकबाल, उसकी पत्नी, दूसरे पक्ष से इश्वर, सुमित्रा, स्वराज, स्वराज की पत्नी व कई औरतें मौके पर मिलीं।
ASI सुरेंद्र व साथी कर्मचारियों ने SPO को मौके पर थाने में जाकर दरखास्त देने के लिए कहा गया और झगड़ा न करने बारे भी समझाया गया। इसके बावजूद आप दूसरे पक्ष के साथ मारपीट करते रहे। कानून का पता होने के बावजूद भी दूसरे पक्ष पर डंडे से हमला किया, जबकि वह थाने में जाकर इस मामले की दरखास्त दे सकते थे। उन्होंने उच्च अधिकारियों के आदेशों की उल्लंघना की है, इसलिए वह इस पद के काबिल नहीं है। उन्हें तुरंत इस पद से बर्खास्त किया जाता है।
पत्र में आगे लिखा है कि SPO प्रवीन को 15 जुलाई को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा गया था, जिसका जवाब उन्हें प्राप्त हुआ, जिसका गहनता से अध्ययन किया गया। वहीं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर अपना पक्ष रखने का भी अवसर दिया गया, लेकिन उनकी तरफ से दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं था। इसलिए वह SPO पद के काबिल नहीं है। यदि SP शशांक की तरह पुलिस उच्चाधिकारी सही फैंसले लेते रहे तो वह दिन दूर नही जब जनता पुलिस पर एकबार फिर आंख बंद कर विश्वास करेगी व अपनी अंतरात्मा से पुलिस को सेल्यूट भी करेगी।