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पानीपत ADC ने हुड्डा की जमीन पर फेक्ट्री मालिक को गलत तरीके से रास्ता देने की लिए कानूनगो व नायब तहसीलदार किया तलब*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पानीपत ADC ने हुड्डा की जमीन पर फेक्ट्री मालिक को गलत तरीके से रास्ता देने की लिए कानूनगो व नायब तहसीलदार किया तलब*
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पानीपत (राजेश ओबराय) ;- हरियाणा के पानीपत जिले के कानूनों और नायब तहसीलदार को तलब कर लिया गया है। रिश्वत लेकर गलत तरीके से हुडा की जमीन पर रास्ता निकाल कर फैक्टरी मालिक को देने के आरोपों की जांच करते हुए ADC ने तहसीलदार को पत्राचार किया है, जिसमें उन्होंने नायब तहसीलदार और कानूनगो को उनके कार्यालय में रिकॉर्ड सहित 30 जून को पेश होने के आदेश दिए हैं। वहीं शिकायतकर्ता को भी सभी दस्तावेजों के साथ कार्यालय में आने के बारे में कहा गया है। दोनों आरोपी इस मामले में अपना-अपना पक्ष रखेंगे। 30 जून की सुबह साढ़े 11 बजे कार्यालय तलब किया गया है।

एडीसी ने तहसीलदार को पत्र लिखकर दिए निर्देश।
एडीसी ने तहसीलदार को पत्र लिखकर दिए निर्देश।
तीन माह बाद एडीसी ने किया तलब

दरअसल, कानूनगो और नायब तहसीलदार के खिलाफ गांव उग्राखेड़ी के रहने वाले एक व्यक्ति ने चंडीगढ़ अधिकारियों को शिकायत दी थी। शिकायत में दोनों पर हुडा की जमीन पर गलत रास्ता निकालकर किसी फैक्ट्री मालिक से घूस लेकर उसके नाम करने के आरोप लगाए गए थे। मामले की जांच पानीपत एडीसी के पास पहुंची। मामले में तीन माह चली जांच के बाद दोनों आरोपियों को जांच अधिकारी एडीसी ने अपने कार्यालय तलब करने के आदेश पारित किए। वहीं पता लगा है कि आरोपी नायब तहसील अनिल ने समय से पहले खुद ही रिटायरमेंट ली है। वहीं कुछ ही समय पहले कानूनगो राजेश खुराना प्रमोट होकर नायब तहसीलदार बन गए हैं।

इंतकाल नंबर 8899 पर कब्जा करवाने का मामला

अधिकारियों को लिखित शिकायत में संदीप ने बताया कि वह गांव उग्राखेड़ी का रहने वाला है। इंतकाल नंबर 8899 जिस भूमि की एवज में जारी किया गया है, वह भूमि विरोधाभास वाली है। इस जमीन का बंटवारा (तकसीम) गलत तरीके से किया व करवाया गया है। यह भूमि गैर मजरूआ (बिना उपजाऊ) शम्भू लखीना नाम के व्यक्ति के पास है। आरोप है कि शम्भू लखीना से मिलकर कानूनगो राजेश खुराना और नायब तहसीलदार अनिल ने हुडा के अंर्तगत आने वाली इस जमीन से गलत रास्ता मिलाकर व गलत रास्ता निकाल कर तकसीम किया है, जिससे सरकारी राजस्व को काफी नुकसान हुआ है। फैक्ट्री की जमीन की तकसीम केवल दीवानी अदालत से ही है, जबकि दोनों अधिकारियों ने मोटी रिश्वत लेकर कार्यालय में ही बैठकर इस काम को किया है। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने हुडा की जमीन से कैसव फैक्ट्री का रास्ता लगाकर सरकारी जमीन हड़प ली है।

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