हरियाणा सीएम और किसान नेताओं की बैठक नही हुई कामयाब, केस वापस लेने सहित अन्य मुद्दों पर नहीं निकला समाधान;- चढूनी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा सीएम और किसान नेताओं की बैठक नही हुई कामयाब, केस वापस लेने सहित अन्य मुद्दों पर नहीं निकला समाधान;- चढूनी*
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चंडीगड़ ;- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसान नेताओं के बीच शुक्रवार शाम हुई पौने 3 घंटे की मीटिंग बेनतीजा रही। शाम साढ़े 5 बजे शुरू हुई यह मीटिंग रात सवा 8 बजे तक चली। इस मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस लेने समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। मीटिंग के बाद भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार से उनकी मांगों पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हरियाणा सरकार ने उनके मुद्दों पर दोबारा मीटिंग के लिए कोई न्यौता नहीं दिया है। मीटिंग में सरकार का रुख न तो बहुत ज्यादा नरम था और न ही बहुत ज्यादा सख्त। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बातचीत सिरे नहीं चढ़ पाई। चढ़ूनी ने कहा कि वह इस बैठक में हुई बातचीत का ब्यौरा 4 दिसंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की मीटिंग में रखेंगे। उसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा सर्वसम्मति से इस पर आगे कोई फैसला लेगा। सीएम से बैठक से पहले गुरनाम सिंह चढ़ूनी।
सीएम से बैठक से पहले गुरनाम सिंह चढ़ूनी।
इससे पहले सीएम के कैंप ऑफिस के कॉन्फ्रेंस रूम में हुई इस मीटिंग में 8 किसान नेता पहुंचे। इनमें गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश बैंस, रामपाल चहल,रतन मान, जनरैल सिंह, जोगेंद्र नैन, का. इंद्रजीत सिंह और अभिमन्यू कोहाड़ शामिल रहे। उधर मीटिंग में हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी समेत तमाम आला अधिकारी शामिल रहे। शाम सवा 8 बजे मीटिंग खत्म होने के बाद रात 8.21 बजे सबसे पहले चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल की गाड़ी सीएम आवास से बाहर निकली। उसके बाद किसान नेतााअों ने सीएम के कैंप ऑफिस में ही पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान सीएम आवास के बाहर भी किसान मौजूद रहे।
किसानों पर दर्ज केस मुख्य मुद्दा,
भाकियू चढ़ूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बैठक में शामिल होने से पहले कहा कि बातचीत का मुख्य मुद्दा किसानों पर दर्ज केस हैं। सरकार इनको वापस ले। किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के लिए मुआवजे आदि कई मसले सरकार के सामने रखे जाएंगे। पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद से ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से किसानों से बातचीत की पहल की गई थी। हालांकि कुछ विरोधाभासों के चलते गुरनाम सिंह चढूनी बातचीत से परहेज कर रहे थे।
50 हजार किसानों पर केस
हरियाणा सरकार और किसानों के बीच बातचीत में मुख्य मुद्दा किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस हैं। किसान नेताओं की मानें तो हरियाणा में पिछले एक साल से किसान आंदोलन के दौरान 50 हजार किसानों पर विभिन्न थानों में केस दर्ज हुए हैं। केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि दर्ज केसों पर कार्रवाई राज्य सरकारों का अधिकार क्षेत्र है।
चंडीगढ़ में सीएम आवास के बाहर का नजारा।
सरकार कर चुकी है इशारा
सरकार किसानों से बातचीत करेगी, इसको लेकर पिछले एक सप्ताह से ही कयास लगने लगे थे। पहले सीएम की ओर से किसानों से मुलाकात की संभावना जताई गई, बाद में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी साफ किया कि किसानों पर दर्ज केसों की जानकारी है। जल्द ही उनको वापस लेने का फैसला होगा। चंडीगढ़ में देर शाम 8.21 बजे सीएम आवास से हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल और अन्य अधिकारियों की गाड़ी बाहर निकली हैं। ये भी किसान नेताओं के साथ सीएम की चल रही बैठक में शामिल थे। सीएम आवास से सभी अधिकारी जा चुके हैं। किसान नेता फिलहाल अंदर ही हैं।