Wednesday, September 11, 2024
Latest:
उत्तर प्रदेशउत्तराखंडचंडीगढ़देश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतशिक्षाहरियाणा

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की परीक्षाएं हुईं शुरू, 98 प्रतिशत ने परीक्षार्थियों ने दी परीक्षाएं*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की परीक्षाएं हुईं शुरू, 98 प्रतिशत ने परीक्षार्थियों ने दी परीक्षाएं*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मेरठ ;- बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच चौधरी चरण सिंह विवि की मुख्य परीक्षाएं शनिवार को शुरू हो गईं। पहले दिन बीए, बीकॉम, बीएससी में फाउंडेशन कोर्स का बड़ा एवं मुख्य पेपर होने के बावजूद परीक्षा पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही। केंद्रों पर परीक्षार्थियों की उपस्थिति 98 फीसदी रही। केंद्रों पर बिना मास्क छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं मिला, लेकिन कॉलेजों के बाहर ये बाध्यता लागू नहीं हो पाई। परीक्षा में भी छात्र-छात्राएं मास्क में सांस लेने में दिक्कत की शिकायत करते रहे। सीटिंग प्लान के डिस्प्ले बोर्ड को निर्देशों के बावजूद छूते रहे। हालांकि विवि विषम स्थितियों में परीक्षा बिना किसी विवाद और खामियों के कराने में सफल रहा।

तीनों पालियों में 1141 ने छोड़ा पेपर
मेरठ। विवि के अनुसार तीनों पालियों में 70 हजार 66 छात्र-छात्राओं को परीक्षा देनी थी, लेकिन इसमें से 68 हजार 925 उपस्थित हुए। यानी पहले दिन 98 फीसदी छात्रों ने अपने पेपर दिए। तीनों पालियों में 1141 ने ही पेपर छोड़ा। पहली पाली में 546, दूसरी में 421 और तीसरी में 174 छात्र अनुपस्थित रहे। चूंकि बीए, बीकॉम एवं बीएससी में तीनों वर्षों में ही फाउंडेशन कोर्स का अनिवार्य पेपर था। ऐसे में इस पेपर को देने सभी परीक्षार्थी पहुंचे लेकिन इससे केंद्रों पर व्यवस्था बनाने का दबाव रहा।

केंद्रों पर स्क्रीनिंग हुई, कहीं पर केवल औपचारिकता,,,,,,,,,

मेरठ;- परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को थर्मल स्कैनिंग करने के बाद एंट्री मिलनी थी, लेकिन प्रत्येक पाली में एक से ढाई हजार तक स्टूडेंट होने से यह व्यवस्था चल नहीं पाई। अधिकांश कॉलेजों के पास दो ही थर्मल स्कैनर थे। बाहर छात्रों की लाइन थी। ऐसे में सबकी स्कैनिंग करा एंट्री देते तो घंटों लगते। ऐसे में केंद्रों पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था बहुत कारगर नहीं हो सकी।

छात्रों को खांसी-जुकाम, फिर भी पेपर दिलाने पड़े,,,,,,

मेरठ;- सभी केंद्रों पर प्रत्येक पाली में खांसी-जुकाम जैसे लक्षण वाले स्टूडेंट भी पहुंचे। कुछ स्टूडेंट को दिक्कत ज्यादा थी, लेकिन सभी को पेपर दिलाने पड़े। केंद्रों पर ऐसे छात्रों को पूरी अवधि में मास्क अनिवार्य किया गया। चूंकि अलग कमरे में व्यवस्था करने की स्थिति नहीं थी, ऐसे में सबके बीच इन छात्रों के पेपर कराने पड़े।

नहीं करवा सके दो गज का फासला—-

मेरठ। नियमानुसार दो परीक्षार्थियों के बीच दो गज की दूरी का प्रावधान था, लेकिन परीक्षार्थियों के दबाव के चलते यह लागू नहीं हो सका। अधिकांश केंद्रों के बीच दो पंक्तियों के बीच तो दो फुट का अंतर रहा, लेकिन आगे-पीछे एक फुट का भी फासला नहीं बनाया जा सका।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!