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धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने चंडीगढ़ कांग्रेस नेता विजय पाल सिंह को सुनाई एक साल के कारावास की सजा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने चंडीगढ़ कांग्रेस नेता विजय पाल सिंह को सुनाई एक साल के कारावास की सजा*
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चंडीगढ़ ;- पंजाब के पूर्व डीजीपी एसएस विर्क से 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जिला अदालत ने चंडीगढ़ कांग्रेस के पूर्व युवा नेता विजय पाल सिंह को एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट में आरोपी विजय पाल उर्फ़ डिंपी को दोषी करार दिया था। इसके बाद बुधवार को अदालत में सजा पर फैसला सुनाया है।
क्या था मामला …….
पूर्व डीजीपी एसएस विर्क ने यूटी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि विजय पाल सिंह ने उन्हें जमीन दिलाने का झांसा देकर उनसे 50 लाख रुपये लिए थे लेकिन न तो विजय पाल ने उन्हें जमीन दिलवाई और न ही उनके पैसे वापस लौटाए। तत्कालीन आईजी, यूटी आरपी उपाध्याय से शिकायत करने पर विजय पाल के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जा सका था लेकिन इससे पहले दर्ज केस के अनुसार साल 2007 में पंजाब के तत्कालीन एडीजीपी आरपी सिंह ने विजय को डीजीपी विर्क से मिलवाया था।
डीजीपी की पत्नी जसविंदर विर्क की मनीमाजरा स्थित 4 एकड़ जमीन को प्रशासन ने डीटी मॉल के लिए 65 लाख रुपये देकर अधिग्रहीत किया था। विर्क इस रकम का इस्तेमाल कृषि भूमि के लिए करना चाहते थे। विजय ने उन्हें जमीन में निवेश का भरोसा दिलाकर उनसे 50 लाख रुपये ले लिए। विर्क ने यह रकम विजय को चेक के माध्यम से दी थी। लंबे समय तक डीजीपी विर्क इंतजार में रहे लेकिन न तो उन्हें जमीन दिलवाई गई और न ही उनके पैसे वापस मिले। इसके बाद उन्हें ठगी का पता लगा। डीजीपी विर्क को भी आरोपी पर कार्रवाई के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा। इस संबंध में वह दिसंबर 2012 में तत्कालीन गृह सचिव से मिले लेकिन विजय पाल पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी। जनवरी 2014 में विर्क ने तत्कालीन आईजी यूटी, आरपी उपाध्याय को शिकायत की। तब जाकर आरोपी विजय के खिलाफ 4 जनवरी 2014 को धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था।

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