|| || WELCOME TO BHARTIYA NEWS || || भारतीय न्यूज़ वेब टीवी में आपका स्वागत है/ राष्ट्रीय ख़ोज न्यूज़ टीवी चैनल में आपका स्वागत है|| || देखिये देश- विदेश की मुख्य खबरें || ||WELCOME TO BHARTIYA NEWS || || देखिये देश की ताज़ा एवं तेज तर्रार खबरें || || विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें || || WELCOME TO BHARTIYA NEWS || ||

सुप्रीम कोर्ट का मोदी को करारा झटका आलोक वर्मा बने रहेंगे निदेशक*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
,,,,,,,,,,,,,,
सुप्रीम कोर्ट का मोदी को करारा झटका आलोक वर्मा बने रहेंगे निदेशक*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
नई दिल्ली :- उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक कुमार वर्मा को छुट्टी पर भेजने के केंद्रीय सतर्कता आयोग एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के आदेश को मंगलवार को निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने वर्मा को सीबीआई निदेशक का कार्य पुन: सौंपने का आदेश दिया है। पीठ ने हालांकि वर्मा को फिलहाल नीतिगत फैसलों से दूर रहने का आदेश दिया। पीठ की ओर से मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसला लिखा था, लेकिन आज गोगोई छुट्टी के अवकाश पर रहने के कारण पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति कौल ने कोर्ट नं एक के बजाय 12 में फैसला पढ़कर सुनाया।
कोर्ट ने फैसले कहा है कि आलोक वर्मा कोई भी नई जांच शुरू नहीं कर पायेंगे और ना ही कोई नीतिगत फैसला ले पायेंगे आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई छुट्टी पर थे। बता दें कि जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक कुमार वर्मा और ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने का निर्णय किया था। दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वर्मा ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के एक और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के दो सहित 23 अक्टूबर 2018 के कुल तीन आदेशों को निरस्त करने की मांग की थी। उनका आरोप है कि ये आदेश क्षेत्राधिकार के बिना तथा संविधान के अनुच्छेदों 14, 19 और 21 का उल्लंघन करके जारी किये गये। केन्द्र ने इसके साथ ही 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी एवं ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेन्सी के निदेशक का अस्थाई कार्यभार सौंप दिया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने पिछले साल 6 दिसंबर को आलोक वर्मा की याचिका पर वर्मा, केन्द्र, केन्द्रीय सतर्कता आयोग और अन्य की दलीलों पर सुनवाई पूरी करते हुये निर्णय सुरक्षित रखा था। पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की याचिका पर भी सुनवाई की थी। इस संगठन ने न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से राकेश अस्थाना सहित जांच ब्यूरो के तमाम अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने का अनुरोध किया था। वर्मा का सीबीआई निदेशक के रूप में 2 साल का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है। उन्होंने केन्द्र के फैसले को चुनौती देने हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
इस दौरान केन्द्र ने शीर्ष अदालत के सामने वर्मा को उनकी जिम्मेदारियों से हटाकर अवकाश पर भेजने के अपने फैसले को सही ठहराया था और कहा था कि उनके और अस्थाना के बीच टकराव की स्थिति है जिस वजह से देश की शीर्ष जांच एजेंसी ‘जनता की नजरों में हंसी’ का पात्र बन रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!